
गवठान जमीन का राजस्व विभाग की मिलीभगत से गड़बड़झाला,शिकायत के बाद ही अभियुक्त गिरफ्त से बाहर।। आरोपी पर कोई कार्यवाही नहीं होने से पुलिस विभाग की कार्य प्रणाली पर उठ रहा है सवाल।।
बिलासपुर -आज आपको ऐसी खबर के बारे में बताने जा रहे हैं कि आप भी इस मामले को सुनकर हैरान हो जाएंगे। भूमाफिया सरकारी जमीन को विभाग के नौकरशाहों और नगर निगम से मिलीभगत कर कैसे बहुमंजिला इमारत खड़ी कर लेते हैं और वहीं सरकारी जमीन को लोगों को बेचने के नाम से लाखों रुपए भी एडवांस के रूप में लेे लेते हैं जब पीड़ितों को मालूम पड़ता है कि यह तो सरकारी जमीन है और उन्हें समय पर फ्लैट भी नहीं दिया जा रहा है तो वे अपनी रकम वापस पाने के लिए थाना, कोर्ट, कचहरी का चक्कर लगाना पड़ता है और दर दर की ठोकरें खाने मजबुर हो जाते हैं। जब बिल्डर से अपनी रकम मांगते हैं तो उनके द्वारा रकम देने आनाकानी की जाती है तो ऐसे में स्वाभाविक है कि मामला तूल पकड़ने में देरी नहीं लगती ऊपर से पुलिस का संरक्षण और पुलिस मेहरबान हो जाती है तो बात और अलग हो जाती है।

आप आगे पढ़िए क्या है मामला। बिलासपुर के एक ऊंची पहुंच वाला बिल्डर्स रजनी – राजेश सेठ पति – पत्नी हैं निवासी तारबहार जिनके जमीन के मामले में काले कारनामें उजागर हुआ है इसके बावजूद तारबहार, सिरगीट्टी पुलिस चुप्पी साधी हुई है।

इनके खिलाफ थाने में दर्जनों शिकायते हैं लेकिन पुलिस कुंडली मारकर बैठी हुई है।प्रार्थियों द्वारा शिकायत करने के बाद भी इस प्रकरण पर कार्यवाही नहीं होने से प्रार्थियों ने आक्रोश जाहिर की है और थाना कि कार्य प्रराणी पर सवाल खड़ा किया है। इन पर कोई कार्यवाही नहीं होने से इनके हौसला बुलंद होते जा रहा है ।

आपको बतला दें कि राजस्व विभाग की मिलीभगत से सरकारी, गवगोठान जमीन की बंदरबांट कर अंडरब्रिज के पास पिछले 2 – 3 साल के अंदर विनायक हाईट के नाम से 5 बहूमंजिला बिल्डिंग बनायी गई है जिसमें फ्लैट,दुकानें, कार्यालय बनाकर लगभग 20 करोड़ रुपए में बेच डाला है ,जिस भूमि का खसरा न 903 के साथ खसरा न 906/2 की भूमि को भी मिलाकर केवल एक मकान का नक्शा पास कराया, उसमे भी लिखा है केवल स्वतः उपयोग के लिए लेकिन बिल्डर पति पत्नी ने बैंक से खरीददारो के फ्लैट फायनेंस कराने के लिए, नगर निगम की सील,हस्ताक्षर युक्त, बहुमंजिला बिल्डिंग का, ज्यादा निर्माण का नक्शा बैंको में प्रस्तुत किया, जिससे ज्यादा से ज्यादा ऋण स्वीकृत हो सके। उससे पहले उसी जमीन पर,रसूखदार बिल्डर पर उस जमीन के निर्माण पर बैंक ऑफ बड़ौदा से भी करोडो रु ऋण लिया जा चुका है और पुनः सेंट बैंक होम फाइनेंस लिमिटेड से भी ऋण लिया गया है ! आश्चर्य की बात है कि एक ही भूमि पर एक ही दिनांक में, एक ही आवेदक, एक भी सीरियल नम्बर की अनुज्ञा में 2 अलग अलग नक्शे नगर निगम बिलासपुर ने स्वीकृत कैसे पास किया?? यह एक जांच का विषय है। इस बिल्डर द्वारा बैंको में प्रस्तुत नक्शा फर्जी,कूटरचित, बनावटी है या कौन सा नक्शा सही है।
बिलासपुर शासन द्वारा जो नक्शा हाई कोर्ट के जबाब में प्रस्तुत किया है उस नक्शे का भी पेपर हमारे प्रतिलिपि के पास है,और सेंट बैंक में जमा नक्शे की भी दस्तावेज है ?इसके अलावा बिल्डर ने एक काल्पनिक योजना के दस्तावेज बनाकर, सिरगिट्टी,नगपुरा में हजारो मकानों की कालोनी बनाऊंगा बताकर, सेंकडो लोगो से 1 लाख 20 हजार प्रति व्यक्ति से बुकिंग रकम एडवांस लेकर नही लौटाया है ,विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक कई लोगों ने 30 से 40 लाख रुपए तक उक्त बिल्डर को दिए हैं जिसकी शिकायत थानों में की गई है फिर भी पुलिस चुप्पी साधी बैठी हुई है,बताया जा रहा है कि उक्त रसूखदार बिल्डर को पुलिस विभाग से संरक्षण प्राप्त होने के कारण उस पर कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है जिससे लोगो में आक्रोश पनपता जा रहा है और वहीं पुलिस विभाग के प्रति विश्वास उठता जा रहा है।ऐसा भी मालूम चला है कि स्वर्गीय गफ्फार का भी काफी धन भी इस बिल्डर ने जमा लेे रखा है, क्योकि उनकी कई सरकारी, काबिज जमीनों को भी लेने कि जानकारी मिली है।कुछ ही साल पहले उतर प्रदेश से आये इस बिल्डर के बहुत से अन्य कारनामो की लिस्ट और साक्ष्य दस्तावेज भी हमारे प्रतिनधी के पास है।

एक प्रार्थी का नाम विघ्नेश्वर नायक है उन्होंने बताया कि 4 सेंट बैंक होम फायनेंस के इस बिल्डर ने रकम प्राप्त कर ली है लेकिन प्रकरण /अभियोजन को कमजोर करने का प्रयास शुरू कर दिया है। मुख्य अभियुक्त एवम बिलडर को आरोपी नही बनाया जाना भी जांच का विषय है,बिल्डर ने पावर आफ अटर्नी लेकर रकम उगाही कर रहा है।इधर हाई कोर्ट बिलासपुर में याचिका दायर करने वाले पवन गोयल ने हमारे प्रतिनिधि को बताया कि कोर्ट में याचिका के बाद भी नगर निगम के अधिकारियों द्वारा अभी तक कोई जवाब प्रस्तुत नहीं कर पाना भी मिलीभगत प्रदर्शित हो रही है।उक्त बिल्डर के खिलाफ भी शीतला प्रसाद त्रिपाठी ने भी थाना में धोखाधड़ी,जालसाजी,फर्जी दस्तावेज बनाने के संबंध में माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर में 6 रिट याचिकायें दायर करने को मजदूर होना पड़ा क्यों की पुलिस ने उनकी शिकायतों पर कोई कार्यवाही नहीं की।इस प्रकरण में त्रिपाठी जी ने पुलिस विभाग को भी पार्टी बनाई है तारबाहर थाना में इस बिल्डर के खिलाफ 10-15 पीड़ितों की शिकायतों पर कोई कार्यवाही नही होना बहुत बड़ा सांठगांठ का मामला सामने आ रहा है वहीं इस मामले में पुलिस की चुप्पी मिलीभगत की ओर इंगित करता है।आपको आगे और बताते हैं कि इन्होंने कई फर्जी फर्म बना रखी है और रजिस्ट्री के समय विक्रेता के रूप में रजनी सेठ राजेश सेठ में नाम दर्ज किया किया जाता है लेकिन भुगतान प्राप्त करता है इन फर्जी फर्म के खातों में ताकि आयकर और जी एस टी टैक्स की बचत और चोरी की जा सके और जब इन्हें अदालत और थाने में पूछताछ की जाती है तो ये साफ मुकर जाते हुए कहते हैं कि मुझे इन व्यक्तियों ने कोई रकम नहीं दी है जिसने भी दिया है फर्म में जमा किए आपको आश्चर्य होगा कि जी एस टी कार्यालय ब्यापार बिहार द्वारा राजेश सेठ पर 50 से 60 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया है लेकिन अभी तक प्रकरण लंबित है।इधर पूर्व थाना प्रभारी स्वर्णकार ने बताया कि विघ्नेश्वर नायक की शिकायत पर तारबहार थाना में एससी एसटी एक्ट पंजीबद्ध है जिसे आजाक थाने में ट्रांसफर कर दिया गया है बाकी सामान्य वर्गों की शिकायतों की पड़ताल की जा रही है।बड़ी ताज्जुब की बात है कि एससी एसटी एक्ट के तहत आरोपी को तत्काल गिरफ्तार किया जाना चाहिए है लेकिन अभी तक आरोपी पुलिस गिरफ्त से बाहर है।आपको बतला दें कि इस मामले को लेकर कुछ लोग डी जी पी साहब से मिलने रायपुर गए थे कि पीड़ितों की शिकायत पर भी उक्त थाना प्रभारीयों द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की जा रही,वहीं राजेश अग्रवाल ए डी जी पी हैं,उनसे भी ये मुलाकात की थी तो तारबाहर के तत्कालीन एस एच ओ के विरुद्ध शिकायती ज्ञापन स्वीकार किये और इसके बाद भी आज पर्यन्त कोई कारवाही नही होना मिलीभगत की ओर इंगित करती है।पीड़ितों के अनुसार एससी एसटी के अंतर्गत अपराध पंजीबद्ध कर लिया गया है जिसकी जांच/कार्यवाही आजाक डी एस पी के पास लंबित है ! अभी तक अभियुक्त की पुलिस विभाग द्वारा गिरफ्तारी नही करना घोर लापरवाही प्रदर्शित हो रही है।इस मामले के प्रमुख सरगना राजेश सेठ के मोबाइल से हमारे प्रतिनिधि ने संपर्क किया तो एक नम्बर बंद बताया और दूसरा नम्बर इनकमिंग कॉल नॉट एवलेबल बताया।इधर इस मामले में तार बहार थाना के विवेचक अशोक द्विवेदी ने बताया कि एससी एसटी एक्ट मामला होने के कारण इस प्रकरण को आजाक थाना सरकंडा बिलासपुर भेज दिए हैं बाकी और कि शिकाययों पर भी एक साथ आगे की कार्यवाही की जाएगी।वहीं इस मामले पर अजाक थाना प्रभारी डी के कुर्रे ने कहा कि प्रकरण को देख कर बतला पाऊंगा।वहीं डीएसपी राय के मोबाईल नंबर पर संपर्क किया तो उनका मोबाईल कवरेज से बाहर बताया।