डी.ए रोकने का कर्मचारी संगठनों ने किया विरोध 27 को देंगे प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन
बिलासपुर: देश मे कॅरोना महामारी से निपटने के लिए किए गए लॉक डाउन की वजह से आज देश मे आर्थिक बोझ बढ़ गया है सरकार इसी बोझ को कम करने लिए कल केंद्रीय कर्मचारियों व पेंशनरों को दी जाने वाली महंगाई भत्तों पर ढ़ेड साल तक का रोक लगाने की घोषणा का दी जिसका आज छत्तीसगढ़ प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के द्वारा एक प्रेसविज्ञप्ति जारी कर विरोध किया गया है ।
लॉक डाउन कि वजह से ये विज्ञप्ति व्हाट्सएप में जारी की गई है जिसमे संघ के प्रदेशाध्यक्ष पी.आर.यादव ने कहा गया है कि इन विपरीत परिस्थितियों में भी प्रदेश के कर्मचारी युद्धरत हैं। उन्हें हम सैल्यूट करते हैं।
विभिन्न विभागों के शासकीय कर्मचारी भी कोरोना से बचाव कार्यक्रम में योगदान दे रहे हैं ।
ऐसे विपरीत समय में देश के प्रधानमंत्री श्री मोदी ने हमारे परिवार के ऊपर सबसे बड़ा आर्थिक आघात किया है ।
केंद्र के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स के लगभग 125 लाख परिवारों को आर्थिक संकट में डाल दिया है। हमारे वेतन भत्तों से कटौती कर यदि इस राशि का उपयोग गरीब, मजदूरों ,भूखे को भोजन के लिए हो तो हम सहर्ष स्वीकार भी कर लें, लेकिन स्थापना व्यय में 10% राशि कटौती कर इसका उपयोग उद्योगपतियों को मदद के लिए किया जाएगा, इसलिए विरोध जबरदस्त होना चाहिए।
ज्ञात हो कि केन्द्र सरकार द्वारा घोषित नियम बाद में राज्य सरकार द्वारा भी लागू कर दिया जाता है अतः हम इसका विरोध करते है व इसके विरोध में 27 अप्रैल सोमवार को प्रदेश के सभी जिला,तहसील और ब्लॉक मुख्यालयों में प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के नाम से कलेक्टर को ज्ञापन सौपा जाएगा।