न्यूज़ डेस्क : 15 जून को गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इसमें भारत के 20 जवान शहीद हो गए थे. वहीं, चीन के 43 सैनिक हताहत हुए थे. इसमें से कई की मौत हो गई तो कई घायल हैं.
जवान ने परिवार को फोन कर बताई पूरी कहानी
गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच हुई हिंसक झड़प किस तरह से शुरू हुई और इस दौरान क्या-क्या हुआ इसका खुलासा भारतीय सेना के एक जवान ने किया है. इस झड़प में घायल हुए जवान सुरेंद्र सिंह ने अपने परिवार वालों को फोन पर 15 जून की शाम क्या हुआ इसकी पूरी कहानी बताई. इस समय सुरेंद्र सिंह हॉस्पिटल में भर्ती हैं. जहां पर इनका इलाज किया जा रहा है. राजस्थान के रहने वाले जवान ने अपने परिवार वालों को फोन कर झड़प की जानकारी देते हुए बताया कि चीनी सैनिकों ने गलवान घाटी से निकल रही नदी के किनारे धोखे से हमला कर दिया. ये हिंसक झड़प करीब पांच घंटे तक चलती रही. इस झड़प में भारत के करीब ढाई सौ और चीन के एक हजार से अधिक जवान शामिल थे. गलवान घाटी की नदी में करीब 5 फुट गहरे बेहद ठंडे पानी में ये संघर्ष चलता रहा. जिस नदी के किनारे ये संघर्ष हुआ वहां से मात्र एक ही आदमी निकल सकता था. इसलिए भारतीय सैनिकों को भारी परेशानी हुई.इस हिंसक झड़प में घायल हुए सुरेंद्र सिंह के अनुसार चीनी सेना ने कांटे लगे डंडों से भारतीय सेना पर हमला किया. दरअसल लद्दाख में ग्लेशियर होने के कारण वहां हथियारों की जगह लाठी-डंडों के साथ ही पेट्रोलिंग होती है. वहीं जिस वक्त ये हमला किया गया उस वक्त भारत के सैनिक भी कम थे. सुरेंद्र ने परिवार वालों को बताया कि वो स्वस्थ हैं और लद्दाख के सैनिक हॉस्पिटल में उनका इलाज किया जा रहा है. उनके एक हाथ में फैक्चर आया है और सिर में करीब एक दर्जन टांके लगे हैं.
सुरेंद्र के मुताबिक पांच घंटे 5 फुट गहरे पानी में हुए इस संघर्ष में उनके सिर में चोट लगी है और वे घायल हो गए. अन्य सैनिकों ने उन्हें पानी से बाहर निकाला था. उन्हें तब तक होश था. उसके बाद उन्हें लद्दाख के हॉस्पिटल में ले जाया गया. जहां पर उन्हें करीब 12 घंटे बाद होश आया.
चीनी सैनिकों द्वारा भारतीय सैनिकों पर इसी हथियार से हमला किया गया ।