बलौदाबाजार – हाईकोर्ट की रोक व प्रशासन के निर्देश के बाद भी जिले के नदियों के रेत घाट में अवैध खनन जोरों पर है। यहां जेसीबी, चैन मांउटेन से अंधाधुंध रेत उत्खनन कर हाइवा,ट्रैक्टरों में लोड कर धड़ल्ले से परिवहन किया जा रहा है। वहीं घाटों से रेत लोड ट्रैक्टर कार्रवाई के डर से सड़कों पर फर्राटे भरते हुए निकल रहे हैं जिसके चलते आये दिन सड़क दुर्घटनाएं हो रही है। जिसका खामियजा लोगों को भुगतना पड़ रहा है। आज खनिज विभाग के उदासीनता के चलते महानदी के घाटों से अंधा धुंध अवैध रूप से रेत के उत्खनन परिवहन का कार्य धड़ल्ले से चल रहा । जेसीबी द्वारा ट्रेक्टरों में रेत भर भर कर अवैध रूप से डंपिंग का कार्य भी किया जा रहा है वही पुलिस विभाग भी एंट्री लेकर अनजान बनने का नाटक बखूबी निभा रही । इस तरह अवैध उत्खनन एवम परिवहन कार्य में इन नदियों के किनारे स्थित ग्राम पंचायतों की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है। सरपंचों और पंचायत सचिवों के संरक्षण में रेत उत्खनन के अवैध कारोबार तेजी से पनप रहे हैं।
बताया जा रहा है कि इन ग्राम पंचायतों में एक-एक रायल्टी पर्ची में आठ से दस ट्रिप तक रेत का ट्रैक्टर-ट्रालियों से अवैध परिवहन किया जा रहा है। ग्राम पंचायतें हर ट्रिप में टै्रक्टर चालकों से राशि तो वसूल करती हैं, लेकिन इसकी रायल्टी पर्ची नहीं देती हैं। इससे सीधे तौर पर यह राशि ग्राम पंचायतों के खातों में जमा नहीं होती है। इसकी वजह से अवैध रेत का कारोबार पूरे शबाब पर है।रेत का अवैध खनन और परिवहन करने वाले पकडे़ जाने पर अक्सर दो कारण बताते हैं। पहला सरकारी कार्य से रेत का खनन और परिवहन करने की बात कहीं जाती है। दूसरा घरेलू उपयोग के लिए ले जाने की बातें कहते हैं। नदियों में भारी भरकम मशीनें लगाकर रेत उत्खनन के कार्य में अधिकतर लोग राजनीतिक दलों से जुडे़ होते हैं। रेत परिवहन से जुड़े वाहनों की जब्ती के दौरान कार्रवाई नहीं करने के लिए वे लगातार दबाव बनाने का प्रयास करते हैं। ऐसी स्थिति में खनिज विभाग के अधिकारी भी कार्रवाई के बजाय बीच का रास्ता निकालने को विवश हो जाते है विडंबना है कि अमले की कमी की आड़ में खनिज विभाग के अधिकारी- कर्मचारी तब तक कार्रवाई के लिए नहीं जाते जब कि उनके पास कोई शिकायत नहीं पहुंचती है। खनिज विभाग द्वारा महीने में एकाध अवैध रेत खनन करने या परिवहन करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री कर ली जाती है, लेकिन उसके बाद भी अवैध रेत खनन और परिवहन जारी रहता है।बहरहाल, सरकार को चाहिए कि अवैध रेत परिवहन रोकने के लिए कारगर कदम उठाए। ऐसे लोगों पर सख्त से सख्त कार्रवाई करे जो अवैध रेत खनन और परिवहन के गोरखधंधे में संलिप्त हैं।