9 साल की गंभीर बच्ची को सिम्स प्रशासन ने दी घर ले जाने की अनुमति, घर पहुंचे से पहले ही हुई मौत।
बिलासपुर-इलाहाबाद से आये हुए 9 साल की एक बच्ची को बहुत ही गम्भीर अवस्था मे सिम्स लाया गया था । जंहा एक दिन रखकर दूसरे दिन शाम को उसे घर ले जाने की अनुमति दे दी गई और उस बच्चे की घर पहुँचने से पहले ही मौत हो गई। सिम्स प्रशासन की बहुत बड़ी लापरवाही उजागर करती है।
मस्तूरी क्षेत्र के क्वॉरेंटाइन सेंटर में रहने वाला परिवार 29 मई को बस से उत्तर प्रदेश इलाहाबाद से बिलासपुर पहुंचा था । उसकी एक 9 साल की बच्ची की तबीयत शुरू से ही बहुत खराब थी। उसे एनीमिया की शिकायत थी और लगातार खून की उल्टीयाँ भी हो रही थी । ब्लड कैंसर होने की संदेह जताई जा रही थी। उसकी नाजुक हालत को देखते हुए उसे 29 मई की शाम सिम्स में भर्ती कराया गया था व सिम्स के पीडियाट्रिक आईसीयू में भर्ती कर उसका इलाज चल रहा था कि दूसरे दिन 30 मई शाम को इतनी गम्भीर हालात बने रहने के बावजूद भी सिम्स प्रशासन ने उसे घर ले जाने की इजाज़त दे दी और यह कहा जा रहा है कि परिवार वाले द्वारा स्वयं की मर्जी से घर ले जाया गया है। जबकि सिम्स से बाहर कुछ ही दूरी गांधी चौक के पास बच्ची की मौत हो जाती है। इससे बच्ची की गंभीर अवस्था का पता चलता है। इधर 1 जून को बच्ची की कोरोना रिपोर्ट भी पोसेटिव आ जाती है। जबकि बच्ची के घर वाले बच्ची की अंतिम संस्कार कर चुके रहते है।
इस प्रकार सिम्स प्रशासन की एक बहुत बड़ी लापरवाही सामने आई है। जिसकी वजह से सिम्स स्टाफ से लेकर बच्ची के अंतिम संस्कार में शामिल लोग सभी को कोरोना संक्रमित होने की संभावना बन गई है।
इसके साथ ही सिम्स प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो गये है ।
# क्या बच्ची की कोरोना रिपोर्ट आते तक सिम्स में रखा नही जा सकता था।
# जब बच्ची इतनी गंभीर हालात में थी तो उसे ले जाने की इजाजत क्यों दी गई।
Live Cricket
Live Share Market