बिलासपुर – न्यायधानी बिलासपुर – मुलमुला की ओर आने जाने वाले लोगों और वाहन चालकों को सड़क की दयनीय हालत खस्ता,जर्जर होने के कारण चलना भी दूभर हो रहा है।इस मार्ग में परसदा, पेंडरी,रिसदा,मुलमुला गांव के मुख्य मार्ग जो लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है काफी लंबे अरसे से दयनीय हालत में है इसके बावजूद इस मार्ग को विभाग बनाने जरूरी नहीं समझ रहें हैं जिससे आने जाने वाले लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।इस मार्ग के समतलीकरण, मजबूती करण,डामरीकरण, रिपेयर के लिए क्षेत्र के मीडिया के प्रतिनिधियों द्वारा कईयों बार खबर प्रकाशित की गई फिर भी विभाग के नौकरशाहों को कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है।सड़क में चलने से ऐसा लगता है मानो सड़क नहीं नहर,तालाब या नाला में चल रहे हैं।मार्ग में इतने बड़े बड़े गढ्ढ़े हैं कि बड़ा हाईवा या बड़ी बस समा जा रही है,छोटी गाड़ियों की तो कोई बात नहीं। दिनांक 30 मई 2020 को सुबह 11 बजकर 30 मिनट को हमारे प्रतिनिधि नीलकांत खटकर इस मार्ग का मौके पर पड़ताल करने गए थे उन्होंने देखा कि एक 16 चक्के का ट्रक पेंडरी के जर्जर तालाब नुमा मार्ग पर बिगड़ कर खड़ा था जिससे आने जाने वाले वाहनों को गुजरने में दिक्कत हो रही थी और इस मार्ग पर अनगिनत गढ्ढ़े बन गए हैं जिसमे 29 मई की बारिश के कारण गड्ढों में पानी भरने से तालाब जैसा दिख रहा है और इसी गड्ढों में वाहन फंस रहे हैं।आपको बतला दें कि इस रोड से रायगढ़,सारंगढ़,जांजगीर,शिवरीनारायण के लोग आवाजाही करते हैं जिन्हें काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।इधर क्षेत्र के लोगों ने बताया कि सड़क निर्माण कराने हेतु कईयों बार विभाग को आवेदन दिया जा चुका है फिर भी मंत्री अफसर कुंभकर्णी नींद में सोए हुए हैं।इस जर्जर मार्ग से चलने वाले छोटे बड़े अधिकांश वाहन रोज फंस रहे हैं।
पानी बरसात में कीचड़ से परेशान और गर्मी में धूल से परेशान।धूल उड़ने से हम मुख्य मार्ग में रहने वालों को सांस संबंधी बीमारी से पीड़ित हो रहे हैं हमारा सुनने वाला कोई नहीं है।जांजगीर जाओ तो जांजगीर वाले पी डब्लयू डी अफसर बिलासपुर भेजते हैं बिलासपुर जाते हैं तो जांजगीर भेजते हैं इसलिए हम लोग दोनों जगह पर आवेदन दे दिए हैं फिर भी इस ओर शासन प्रशासन ध्यान नहीं दे रहा है।क्षेत्र के लोगों का कहना है कि भले ही सड़क जब बनती तब बनती रहती फिरहाल अभी बड़े बड़े गड्ढों को गिट्टी,मुरूम से समतल कर दिया जाना चाहिए ताकि लोगों को आने जाने में दिक्कत न हो।इस संदर्भ में हमारे प्रतिनिधि जब भी विभाग के अधिकारियों से मोबाईल फोन से संपर्क करते हैं तो कई बार तो मोबाईल ही रिसीव नहीं करते कभी रिसीव कर भी लेते हैं तो टालमटोल जवाब देकर मोबाईल काट देते हैं।