पत्रकारिता दिवस पर समर्पित
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मीडिया/ सोसल मीडिया सफल,सार्थक,व्यापक जनहित की सूचनाओ, लेखन के बिना अधूरा है ! इलेक्ट्रॉनिक मीडिया कितना भी शक्तिशाली,सक्षम क्यो है हो?योग्य, सूझबूझ, वाले पत्रकार के बिना अधूरा है !
लोकतंत्र के 4 स्तम्भो में से 3 के प्रति आम जनमानस की राय एवम अनुभव पॉजिटिव नही, एक पत्रकारिता ही बची है जो 3 स्तम्भो की बेशर्मी उजागर करती है, चाहे जितने भी आरोप लगे?बिकाऊ होने के, पक्षपात होने के, फिर भी सत्ता, व्यवस्था को सुधारने में सक्षम है पत्रकारिता ! न जाने कितने ही घपले-घोटाले दफन हो जाते, यदि न होते पत्रकारिता के प्रहरी ये ?
बहुत से प्रयास हुए, सभी स्तर पर, गला घोंटने के इनके, फिर भी जिंदा है पत्रकारिता ये ?
निर्भया जैसे होते कांड अनेक रोज, उजागर करते है, पत्रकार ये !
न लगाओ आरोप इन पर, हिन्दू-मुस्लिम करने का, वक़्त अनुसार चलने को मजबूर है ये ! एक पीड़ित को जब मिले इंसाफ?तो उस पीड़ित से पूछो, कितना सम्मान के योग्य है ये ?
कितने सम्मान के योग्य है ये ?
लेखक व विचारक
(पवन गोयल)
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