मस्तूरी 10 नवंबर 2020 किसी गांव का मुखिया अगर नशे का कारोबार करने लगे तो फिर गांव की हालत क्या होगी यह सभी आसानी से समझ सकते है,लेकिन बिलासपुर जिले से लगा हुआ गांव पारघाट जो मस्तूरी जयराम नगर के पास है,वहां पर कुछ ऐसा हो रहा है| पाराघाट गांव का सरपंच प्रदीप सोनी जिसे जनता ने गाव का विकास करने की जिम्मेदारी सौपी थी वही ग्रामीण क्षेत्र में नशे का सरगना बन नशीली चीजो की बिक्री व तस्करी में लिप्त पाया गया, मस्तूरी पुलिस को मुखबिर से मिली सूचना पर पाराघाट सरपंच प्रदीप सोनी को कोरेक्स सिरप की 300 सीसी के साथ रंगे हाथों पकड़ा है|
मस्तुरी पुलिस के अनुसार कोरेक्स गांजा और अवैध शराब का तस्करी करने वाला एक आरोपी गिरफ्तार हुआ है और इसमे सबसे बड़ी बात है कि वह आरोपी कोई और नही बल्कि पाराघाट मस्तुरी का सरपंच प्रदीप सोनी है,जिसके डस्टर में 300 शीशी कोरेक्स मस्तुरी पुलिस ने पकड़ा है। कोरेक्स सहित डस्टर को पुलिस ने जब्त कर लिया है,आपको बता दे कि सरपंच प्रदीप सोनी के द्वारा ग्राम पंचायत को नशे की चपेट में लेते हुए इस प्रकार का काम करीब 10 वर्षों से कर रहा है। यह सरपंच पैसो के दम पर सबको मैनेज करने की बात करता है,यही नही बल्कि पंचायतों में फर्जी काम करा कर करोडों रुपये का शासन को चुना लगा चुका है।
सरपंच होने के बाद गांव की खुशहाली और खुशियों पर नही बल्कि बर्बादी पर ज्यादा ध्यान दिया गया है,जिसकी वजह से गांव के अधिकतर लोग इसकी चपेट में गए है,सरपंच की लापरवाही से गाँव नशे की लत में जा रहा था।इतना ही नही बल्कि इसने पुलिस को सेटिंग करने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस के सामने इसकी एक नही चली और अब पुलिस की गिरफ्त में है। सूत्रों ने हमे जानकारी देते हुए कहा कि निश्चित ही अगर पुलिस बारीकी से जांच कर करे तो कई और लोग बेनकाब हों जायेंगे,फिलहाल इसमे शामिल एक नही बल्कि और भी लोग है जो इस नशे के कारोबार में लिप्त है। जिसमे सरपंच से जुड़े हुए लोग है।जिनका नाम खुद सरपंच बता सकता है फिलहाल तो मस्तूरी टीआई फैजुल शाह ने विवादित और अपने आपको रसूखदार कहने वाले सरपंच की बोलती बंद कर दी है।