बिलासपुर 17 सितंबर 2020। कोरोना ने अपना भयावह रुख अख्तयार कर रखा है । जंहा रोज मरीजो की संख्याओं में वृध्दि देखी जा रही है । वही मरीजो की मृत्यु दर भी बढ़ते जा रहा हैं। कल एक ही दिन में 08 मरीजो की मौत हो गई । वहीं अभी तक 101 मरीजो की मौत हो चुकी हैं।
चिंता का विषय यह है कि मरने वालो में 50 से अधिक उम्र वालो की संख्या सबसे ज्यादा है। अक्सर 50 की उम्र आते आते लोगो को हार्ट, शुगर- बीपी का होना एक सामान्य सी बात हो गई है और वही आज इनके लिए काल साबित हो रहा है। कोरोना इन्हें अपना जल्द शिकार बना ले रही है। सामान्य से लक्षणों वाली ये बीमारी कब किसको निगल जाये पता नही । आज आई ए एस, आई पी एस ,पत्रकार, डॉक्टर, नर्से, वॉर्ड बॉय, पुलिसकर्मी , सफाई कर्मी व जनप्रतिनिधियों किसी को इसने नही छोड़ा हैं।
सवाल यह है कि आज जब संक्रमण इतनी तेजी से बढ़ते जा रही है तो फिर इसे रोका कैसे जाय। शासन प्रशासन कहती है कि सोशल डिस्टेंसिंग रखिये व मास्क लगाइये । यही एक रास्ता है इस बीमारी से बचने का , तो क्या इस पर अमल हो रहा है..? जितना की होना था…!! अगर अमल नही हो रहा, तो क्या हम चुप बैठे तमासा देखते रहे है और मरीजो का आंकड़ा बढ़ने का इंतजार करते रहे नही..!! हमे आज एक्शन लेने की जरूरत है। दी गई छूट में प्रतिबंध लगाने की जरूरत है। बढ़ते आकड़ो को रोकने की जरूरत है और इसके लिए हमे तत्कालीन परिस्थितियों को देखते हुए कम से कम 15 दिनो की संपूर्ण लॉक डाउन लगाने की तत्काल आवश्यकता है। नही तो जिस तरह से मरीजो के आंकड़े बढ़ रहे है। आने वाले कुछ समय मे हॉस्पिटलों में न बेड बचेगी न इनके इलाज के लिए डॉक्टर मिलेंगे। और न हम इन लोगो को बचा पाएंगे। अर्थव्यवस्था के नाम पर बाजार खोल कर लोगो को मौत में नही ढकेल सकते। लोग बचें रहेंगे तो ही अर्थव्यवस्था चलेगी।