मरीजों को अस्पताल ले जाने वाले एम्बुलेंस चालक जहां कमिशन मिलता है वहां पहुंचा रहे हैं मरीज को।।लूटा रहे हैं परिजन।।कमिशन के चक्कर में कहीं भी सौंप देते हैं गरीब मरीजों को।।
बलौदाबाजार – पूरे प्रदेश में एम्बुलेंस और निजी वाहन चालक अच्छे ईलाज का झांसा देकर मरीजों को कमिशन के लालच में लूट वाली अस्पताल में एडमिट करने का गोरखधंधा धड़ल्ले से चल रहा है।आज आपको बतला रहे हैं और सावधान कर रहे हैं कि कैसे एंबुलेंस और निजी वाहन चालक आपको बेहतर इलाज के लिए भरोसा देकर लूटने वाली अस्पतालों को सौप देते हैं।आप देखे होंगे बस स्टॉप,अस्पताल के आसपास रिफर वाले मरीजों,दुर्घटना से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज के लिए बड़े शहर में अच्छे डॉक्टर के पास लेे जाने कई दर्जनों वाहन और एम्बुलेंस खड़ी रहती है।ऐसे सभी वाहन शहरों के अस्पताल प्रबंधन से मिलेजुले रहते हैं जहां मरीज लेे जाने पर वाहन चालकों को भर्ती मरीज के बीमारी अनुसार कमिशन दिया जाता है,जैसे सामान्य मरीज लेे जाने पर 2 हज़ार रुपए,बाद में डिस्चार्ज के समय अंतिम बिलिंग के अनुसार 5 फीसदी कमीशन देय है।गंभीर अवस्था में के जाए गए मरीजों पर 5 हज़ार रू अंतिम डिस्चार्ज पर 10 फीसदी कमीशन दिया जाता है।उदाहरण के लिए किसी मरीज के ईलाज में 5 लाख का बिल बनता है उसमे 5 फीसदी कमीशन हो गया 25 हज़ार रुपए वाहन चालक को कमीशन मिलता है या कोई मरीज भेजने वाला व्यक्ति को भी यह कमिशन मिल जाता है,इसका फायदा गांवों में झोला छाप डॉक्टर भी उठा रहे हैं। गांव वाले भोले भाले लोगों को इसकी भनक तक नहीं लगती।ऊपर से बड़ी रकम ऐठने के बाद भी मरीज को स्वास्थ्य लाभ भी नहीं मिलता तो पूर्व में सरकारी अस्पताल द्वारा रिफर करने वाले चिकित्सक अनुसार डॉ अंबेडकर अस्पताल रायपुर, डी के एस अस्पताल रायपुर, एम्स रायपुर,जिला अस्पताल बिलासपुर, सिम्स हॉस्पिटल बिलासपुर की ओर रुख करते हैं कईयों कि हालात दयनीय हो जाती है जिनकी मौत तक हो जाती है, कई ठीक होकर घर वापस आ जाते हैं। यह गोरखधंधा धड़ल्ले से काफी अर्से से चल रहा है इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं।
एक वाहन चालक हमारे संवाददाता को नाम न छापने की शर्त पर बताया कि मैं प्रतिदिन एक पेशेंट रायपुर बिलासपुर लेे जाता हूं मुझे हर रोज 1500 रू से 2 हज़ार रुपए निजी अस्पताल प्रबंधन द्वारा कमिशन के रूप में मिल जाता है मै पिछले 5 साल से यह काम कर रहा हूं।”वहीं इस संबंध में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बिलाईगढ़ के एमडी चिकित्सक एवं ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ एस के खूंटे ने कहा कि आजकल कई ऐसे वाहन चालक मरीज के परिजन को लुटने कि नीयत से ऐसे कार्य करते हैं जो अनुचित है, जहां मरीज के परिजन को सतर्क रहने की जरूरत है। मैं तो हमेशा मरीजों को बेहतर इलाज के लिए शासकीय अस्पताल ही रिफर करता हूं। बाकी मरीज के परिजन जाने जो उन्हें उचित लगे”। हम अपने पोर्टल के माध्यम से लोगों को सावधान कराना चाहते हैं कि जहां से आपको रिफर किया जा रहा है वह शासकीय अस्पताल हो।ऐसा कदापि न सोचे कि शासकीय अस्पतालों में सही ढंग से इलाज नहीं हो पाता।आप प्रयास करें की आपके परिवार के पीड़ित मरीज का इलाज सरकारी अस्पताल में ही हो, चूंकि प्रदेश में बहुत सारे सरकारी अस्पताल हैं जहां मुफ्त में बेहतर से बेहतर इलाज होता है।