रायगढ़02 सितंबर 2020। वर्तमान समय में इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से भुगतान किए जाने के प्रचार-प्रसार से जहां मुद्रा लेनदेन में काफी आसानी हुई है । वहीं इसके दुष्प्रभाव भी देखने को मिल रहे हैं । साइबर ठगों द्वारा इस लॉकडाउन के समय लोगों को ठगी जा रही है । साइबर ठगों द्वारा प्राय: ई-वैलेट जैसे फोन पे, गूगल पे, पेटीएम और अन्य माध्यमों से ठगी की जा रही है । इसके अलावा मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग, ईएमआई पेमेंट, कार्ड से पेमेंट, यूपीआई, गिफ्ट वाउचर, ओएलएक्स में खरीद-फरोख्त के माध्यम से भी ठगी की घटनाएं सामने आ रही है । साइबर ठगों द्वारा किसी न किसी माध्यम से लोगों को झांसे में लेकर उनके मोबाइल में आये ओटीपी, खाते संबंधी जानकारी को शेयर करने कहते हैं और उसके बाद उनकी गाढ़ी कमाई अपने खातों में ट्रांसफर कर लेते है ।
कई पीड़ित जानकारी के अभाव में समय पर पुलिस तक ठगी की सूचना समय पर नहीं दे पाते और ऐसे में ठगों से रुपए निकालना टेढ़ी खीर बन जाती है । पुलिस के पास सामान्यता रुपयों के रिफंड हेतु 24 से 48 घंटे का समय होता है परंतु ठागों द्वारा बड़ी ही आसानी से कुछ ही घंटों के अंदर सारा पैसा ATM या अन्य प्रकार से निकाल लिया जाता है जिसके बाद रूपये रिक्वर करने में काफी दिक्कतें होती है।
रायगढ़ साइबर सेल द्वारा तीन ऐसे पीड़ितों को ठगी से बचाया गया जिनके द्वारा ऑनलाइन शॉपिंग अथवा ऑफर के लालच में आकर ओटीपी अज्ञात ठगों के साथ शेयर किया गया था किन्तु अच्छी बात यह रही कि पीडितों ने बिना समय गंवाये थाने में जाकर इसकी सूचना दिये । ठगी के शिकार हुये सतपति पटेल निवासी रायगढ़ से 98,300, बीना पटेल कोतरारोड व पूजा चंद्रा निवासी कोसीर से 1-1 लाख रूपये की ठगी पिछले माह अगस्त 2020 को हुई थी । ठगी घटना की घटना के करीब 2 घंटे के भीतर ही पीड़ितों द्वारा बिना विलंब किए थाने में जाकर सूचना दिया गया । थाना प्रभारी द्वारा साइबर सेल को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया जिस पर साइबर सेल की टीम द्वारा ट्रांजैक्शन रुकवाया गया जिस कारण पीड़ितों के सारे पैसे ठग आहरण नहीं कर पाए और पीड़ित 1. सतपति पटेल के खाते में ₹22,269, बीना पटेल के ₹44,358 एवं पूजा चन्द्रा का ₹97,000 वापस खाते में लाया जा सका ।
साइबर ठगी से बचने के लिये जरूरी है ये *सावधानी* –
1. किसी भी अज्ञात व्यक्ति को फोन पर खाते संबंधी जानकारी या ओटीपी शेयर ना किया जाए ।
2. मोबाइल या कम्प्यूटर पर किसी भी लिंक को बिना सोचे समझे ना क्लिक करें ।
3. किसी भी प्रकार का सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने के पूर्व सुनिश्चित करें कि वह सिक्योर है या नहीं ।
4. गूगल से किसी भी कंपनी का कस्टमर केयर का नंबर सर्च ना करें यदि आवश्यक हो तो कंपनी के अधिकृत वेब पेज पर जाकर ही कस्टमर केयर का नम्बर लेंवे ।
*ठगी का शिकार हुए व्यक्ति क्या करें* –
तत्काल अपने निकटतम थाने में सूचना दें । सूचना देने के लिए अपना खाता नंबर, खाता का प्रथम पृष्ठ की छायाप्रति, बैंक का आईएफएससी कोड, एटीएम नंबर, ठग का मोबाइल नंबर, प्रार्थी का मोबाइल नंबर, आदि साथ ले कर जावें । जिस ई-पेमेंट गेटवे का उपयोग किया गया है जिसे फोन पे, पेटीएम की हिस्ट्री सुरक्षित रखें । ट्रांजैक्शन आई.डी. व यू.टी.आर. का स्क्रीनशॉट सुरक्षित रखें ।