भाजपा सरकार के कार्यकाल में 17 सौ रुपए क्विंटल धान था जिसे भूपेश ने 2500 रू प्रति क्विंटल किया दाम – नन्द कुमार बघेल।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

 

 

 

 

 

 

रायपुर – मतदाता जागृति मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री नंद कुमार बघेल ने कहा कि, भाजपा सरकार की छत्तीसगढ़ में 1,700 रूपये प्रति क्विंटल धान का था जिसे भूपेश बघेल सरकार ने 2,500 रूपये प्रति क्विंटल किया और नरवा, गरूवा, घुरूवा, बारी, का दुनिया में नया आविष्कार किया। गोबर की कीमत तय किए, इस कार्य के लिए भूपेश ने अपना सारा कुछ दाव पर लगा दिया लेकिन इसका व्यावहारिक उपयोग कर्मचारियों पर नहीं छोड़ा जा सकता। मजदूर, किसान, जब तक इसमें दिलचस्पी नहीं लेंगे तब तक केवल मुख्यमंत्री इन योजनाओ को अकेले सफल नहीं बना सकते है।
श्री बघेल ने कहा भगवान बुद्ध कहते हैं कि, यदि ईश्वर है तो 90ः लोगों को गरीब क्यों बनाया वे अमीर क्यों नहीं बने, भगवान ने ऐसा अत्याचार क्यों किया। भगवान बुद्ध का कहना है मनुष्य जब तक कर्तव्य का वैज्ञानिक विधि से बुद्धि पूर्वक इस्तेमाल नहीं करेगा, तब तक दूसरे के भरोसे उसकी गरीबी नहीं हटेगी। ईश्वरवाद के तहत गरीबों की गरीबी दूर नहीं होगी। एक बनिया दूसरे प्रदेश से आता है और छत्तीसगढ़ में आकर 2 – 4 साल में अरबपति बन जाता है। छत्तीसगढ़िया लोगों को बनिया के क्रिया – कलाप से सीखकर जब तक बनिया के कला को नहीं अपनाएंगे तब तक उनकी गरीबी दूर नहीं होगी, वे तो ब्राह्मण के मंदिरवाद, ईश्वरवाद, के चंगुल में फंसे हुए है। एक वर्ग विशेष का को पूरे भारत में कब्जा है के चंगुल से निकले बगैर उनकी स्थिति कोई भी तथा कथित भगवान उनका उध्दार नहीं कर सकते उनकी गरीबी उनके मेहनत से ही दूर होगी।
पिछले 5 सालों में बुद्ध के संबंध में विचार हो रहा है और लोग अपनी गरीबी का कारण खोज रहे हैं। उनकी गरीबी का मूल कारण वोट को बेचना है। जो वोट खरीदेगा वह सत्ता प्राप्ति के बाद उससे कई गुना वसूल करेगा और वोट बेचने वाले को गरीब बनाएगा। जिस दिन गरीब बड़े पैमाने पर वोट के साथ में नोट देना आरंभ नहीं करेंगे, तब तक गरीबों का राज नहीं आऐगा चाहे सर्वहारा का अधिनायकवाद हो या चाहे रूसो का समानता वाले, प्रजातंत्र का 1 वोट चपरासी का और 1 वोट प्रधानमंत्री का होने के बावजूद उनकी गरीबी हट नहीं सकती। गरीब के वोट से देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, रहते हैं, परंतु वोट देने वाला गरीब का गरीब रहता है वह अपने वोट क्यों बेचता है ? जिस दिन 1 वोट के साथ 1 नोट देने लगेगे उस दिन पतंग की डोरी उनके हाथ में होगी तथा दिल्ली और रायपुर का पतंग वे उड़ायेगे। उनकी गरीबी हट जायेगी, देश या प्रदेश के बजट में हर आदमी को संख्या बल के आधार पर हिस्सेदारी चाहिए तभी रूसो का प्रजातंत्र सफल होगा।

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