रायपुर – इस समय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सरायपाली अन्तर्गत कार्यरत कर्मचारी बीएमओ के कार्य प्रणाली से खासे परेशान हैं। आपको बता दें कि बीएमओ सरायपाली स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के ब्लॉक अध्यक्ष को द्वेष वश कार्यवाही हेतु परेशान किया जा रहा है जहां उनको दिनभर बॉर्डर में ड्यूटी कराने के बाद अन्य जगह कोराना पॉजिटिव केस का कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग हेतु रात 10 बजे कॉल करके जबरन बुलाया जाता है। जबकि उक्त कर्मचारी की ड्यूटी नियमानुसार नहीं होने के बावजूद उनके द्वारा दबाव बना कर कार्य कराया जा रहा है और वहां जिनकि ड्यूटी थी उनको बुलाया ही नहीं जा रहा है। इस तरह परेशान करने और द्वेष वश कार्यवाही से 24 कर्मचारियों को बेवजह स्पष्टीकरण और 10 से अधिक कर्मचारियों का वेतन काटे जाने से कर्मचारी नाराज होकर उच्च अधिकारियों को लेटर भी लिखे लेकिन उच्च अधिकारियों द्वारा किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नहीं होने से बीएमओ डॉ अमृत द्वारा कर्मचारियों को मानसिक और आर्थिक रूप से परेशान किया जा रहा है जिसका कर्मचारी संघ विरोध करता है।
संघ ने कलेक्टर और सीएचएम ओ महासमुंद को लिखा पत्र।
आपको बता दें की इस समय पूरी दुनिया में आपदा चल रही है।जहां स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी कोवीड – 19 में अपनी भूमिका बखूबी निभाते हुए दिन रात अपनी सेवाएं दे रहे हैं।केंद्र और राज्य सरकार विभाग के उच्च अधिकारियों से इन कर्मचारियों को समय पर वेतन देने,वेतन न काटने का निर्देश दिया गया है इसके बावजूद बीएमओ द्वारा इन कर्मचारियों को परेशान करना समझ से परे है, इन बीएमओ को इस महामारी के बीच कार्य कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों पर दया न कर उल्टा उन्हें परेशान किया जाना अनुचित मानी जा रही है।बताया जा रहा है कि किसी भी स्वास्थ्य कर्मचारी को 3 माह से संडे तक की छुट्टी नहीं मिली है,एक कर्मचारी 14 दिन के कोरेंटाईन में थे फिर भी बीएमओ ने उनका वेतन काट दिया,24 कर्मचारियों को बेवजह उनके द्वारा नोटिस दिया गया था इत्यादि क्रिया कलाप से कर्मचारी परेशान हैं।संघ के सुरेश पटेल का कहना है कि इतना कार्य लेने के बाद भी यदि ऐसे परेशान करने वाले बीएमओ के खिलाफ जब तक कार्यवाही नहीं होगी तब तक कर्मचारी आगे भी काली पट्टी लगा कर विरोध करते रहेंगे।इस संदर्भ में जब हमारे संवाददाता ने बीएमओ डॉ अमृत से मोबाईल से संपर्क किया तो उन्होंने हमारे संवाददाता को किसी भी संबंध में जानकारी देने से मना करते हुए उनका बिना बात सुने मोबाईल काट दिया गया।