विगत 5 साल से अध्ययन अवकाश स्वीकृति कराने भटक रही हैं स्वास्थ्य विभाग की नर्सेस।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

 

 

 

रायपुर – स्वास्थ्य विभाग में पदस्थ ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक महिला जिसने 2015 के पूर्व जी एन एम, बीएससी नर्सिंग,पोस्ट बीएससी नर्सिंग कोर्स हेतु विभागीय अनुमति से उक्त कोर्स पूरी कर ली गई हैं और इनका पदोन्नत भी हो गया है।इन्होंने संचालनालय स्वास्थ्य सेवाएं छत्तीसगढ़ विभागा अध्यक्ष कार्यालय ब्लॉक -1 इंद्रावती भवन ,तृतीय तल नया रायपुर में अध्ययन अवकाश स्वीकृति के लिए वर्ष 2015 में ही आवेदन प्रस्तुत किए थे लेकिन अभी तक विभाग द्वारा इनके अध्ययन अवकाश स्वीकृति नहीं किया है जिससे ये खाशे परेशान हैं ये नर्सेस दर्जनों बार अपने विभाग के अधिकारियों कर्मचारियों से मिलते थे लेकिन कोई काम का नहीं।ये विगत 5 साल से कइयों बार स्वास्थ्य संचालनालय का चक्कर लगा चुके हैं फिर भी इनका अध्ययन अवकाश स्वीकृति नहीं किया जाना विभाग की निष्क्रियता – लापरवाही को दर्शाती है।विभाग के कर्मचारियों ने नाम न छापने की शर्त पर हमारे प्रतिनिधि नीलकांत खटकर को बताया कि कईयों ने तो 2015 के बाद 2016 में अध्ययन अवकाश स्वीकृति कराने हेतु आवेदन जमा किए थे उनका 6 माह में ही स्वीकृत क्यों हो गया और हमारा आवेदन स्वीकृत क्यों नहीं हुआ जबकि हमने 2015 में ही आवेदन जमा कर दिए थे। इस संबंध में जब विभाग के बाबुओं से पूछे जाते हैं कि हमारी फाइलों में कोई कमी हो तो बताए तो वे बोलते हैं कि आप लोग की फाइलों में कोई कमी नहीं है पूरी तरह कंप्लीट है चिंता न करें समय पर काम हो जाने के बाद आपको सूचना पत्र मिल जाएगा।जिन जिन आवेदकों ने विभाग में अवकाश स्वीकृति के लिए आवेदन जमा किए हैं उनके पास संचालनालय से सूचना आई है कि इस कार्यालय के आदेश क्रमांक 588,805,852 दिनांक 16 .09. 2011,31 .11 215,20. 11. 2015 और आदेश क्रमांक 13/3979/2013/9/17 -1 दिनांक 02 .01.2014 के अधीन छ ग अवकाश नियम,2010 के नियम 42 – 44 के अधीन आपके द्वारा अध्ययन अवकाश स्वीकृत जो आवेदन प्रस्तुत किया गया है जिसका जल्द निराकरण कर दिया जाएगा।

 

विभाग द्वारा एक छोटा सा काम के लिए 5 साल तक नर्सेस को कार्यालयों का चक्कर कटवाना, घूमाना फिराना बहुत ही दुर्भाग्य और विडंबना कि बात है और जो की यह एक जांच का विषय भी बन गया है,विभाग के इस कार्य प्रराणी पर सवाल उठने लगा हैं और नाराजगी जाहिर करते हुए उन्होंने कहा कि यदि समय पर इनका कार्य नहीं हुआ तो ये मुख्यमंत्री के पास शिकायत करने जाएंगे जिसकी जवाबदारी विभाग की अधिकारियों कि होगी।जब ये नर्सेस संचालनालय जाकर कार्यालय में अपने आवेदन के बारे में पूछती हैं तो रटा रटाया जवाब मिलता है कि हमने आपकी फाईल को ऊपर स्वीकृति कराने हेतु आवेदन को उच्च अधिकारियो के पास जमा करा दिए हैं वहां से स्वीकृत होकर नहीं आने के कारण हम भी परेशान हैं।आपको बतला दें कि ये नर्सेस जब संचालनालय जाते हैं तो उनसे फिर से विभागीय कर्मचारियों द्वारा आवेदन का एक सेट मांगा जाता है उनके द्वारा दिया जाता है और जब पुनः 2 माह बाद इस संबंध में जानकारी लेने जाते हैं तो वहीं रटा रटाया जवाब मिलता है कि आपका अध्ययन अवकाश स्वीकृति नहीं हुआ है होते ही संबंधित पदस्थापन और कार्यस्थल में पत्र भेज दिया जाएगा।विभाग की नर्सेस ने बताया की उनका अवकाश स्वीकृत नहीं होने से उन्हें उस दौरान का वेतन नहीं मिल रहा है, उनका सर्विस बुक में कोर्स का इंद्राज नहीं हो पा रहा है जिससे आगे पदोन्नत में भी पेरशानी हो सकती है। अतः इन नर्सेस ने तत्काल अध्ययन अवकाश स्वीकृति करने की मांग की है।

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