
अधिकारियों की लापरवाही से मजदूर भूखे प्यासे भटकने को मजबूर
बिलासपुर- प्रवासी मजदूरो की वापसी लगातार हो रही है शासन ने जरूर इनके लिए व्यवस्थाएं की है लेकिन कंही न कही अधिकारीयो की लापरवाही से इन्हें इनका सही लाभ समय पर नही मिल पा रहा है और लोग छोटे -छोटे बच्चों,महिलाओंव बुजुर्गों के साथ भूखे प्यासे भटकने को मजबूर हो रहे है।
ऐसा ही व्यवस्था आज हमें कलेक्टरेड के सामने देखने को मिली।
जब हम रात करीब 7.30 बजे कलेक्टरेड के सामने से गुजर रहे थे हमें कुछ मजदूर छोटे छोटे बच्चों,महिलाओं व बुजुर्गों के साथ दिखाई दिए।पास जाकर जब हम उनसे बात की तो शिव चतुर्वेदी व धनंजय चतुर्वेदी ने बताया कि वे सभी उड़ीसा के ईट भट्ठे में काम करने वाले मजदूर है जो बालेश्वर,उड़ीसा में इस लॉक डाउन में फसे हुए थे।काम बंद हो जाने से खाने ,पीने ,रहने की तकलीफ होने की वजह से वे घर जा रहे है।
उन्होंने बताया कि फैक्टरी मालिक हम सभी से 1300 -1300 सौ रुपये ले कर एक निजी बस किराया किया जिसमें हम 40 मजदूर मस्तूरी व तखतपुर ब्लॉक के आये है जिन्हें बिलासपुर पहुचने पर बहतराई स्टेडियम ले जाया गया था वंहा से मस्तूरी के लोगो को रोक कर बाकी हम 13 मजदूर जो तखतपुर ब्लाक के है यँहा कलेक्टरेड के सामने छोड़ कर चले गए हैं और कहा कि तखतपुर के लिए बस थोड़ी देर से भिजवा रहे है।
हम सभी कल शाम 3 बजे से उड़ीसा से निकले है कल से हमने कुछ भी नही खाया है ,बच्चें भी भूखे रो रहे हैं अब यँहा 2 घंटे से बस के इंतजार में खड़े है समझ नही आ रहा है क्या करे किससे पूछे कि बस कब आएगी हमे तो ये भी नही पता।
हमने इनकी परेशानी को समझते हुए
तत्काल SDM को फोन लगाया पर उन्होंने फ़ोन नही उठाया तब हम कलेक्टर के अंदर जाकर देखे कि शायद कोई अधिकारी मिल जाय पर वंहा भी कोई नही था सिर्फ एक चौकीदार मिला जिन्होंने हमे कोरोना कन्ट्रोल रूम की जानकारी दी जंहा ले लेण्डलाइन फोन से जब हम SDM को कॉल किया तो वे फ़ोन उठाये और हमसे बात की।
हमने उन्हें मजदूरों की सारी परेशनियां बताई कि कल से वे सभी कुछ खाये नही है साथ मे महिला व छोटे छोटे बच्चे है पर उन्होंने उल्टे खुद हमे ही खाने का इंतजाम करने को कह दिया और अपना पल्ला झाड़ लिये फिर हम मजदूरों के पास जा ही रहे थे कि रास्ते मे तहसीलदार भारद्वाज मिल गए फिर हमने मजदूरों की सारी परेशानीयां उन्हें बताई और वे मजदूरों की पूरी मद्दत किये तत्काल बच्चों के लिए बिस्किट व पानी की व्यवस्था कराई ,मजदूरों को बस बिठाकर घर जाने की पूरी व्यवस्था कराई।