के एस के भुविस्थापित पेंशनरों ने एस डी एम को सौंपा ज्ञापन
नरियरा :- के एस के प्रबंधन के द्वारा विगत वर्ष के 3 महीने एवं वर्तमान के अप्रैल महीने का जीवन निर्वाह भत्ता का भुगतान अभी तक नही करने पर जीवन निर्वाह भत्ता लाभार्थी समिति के द्वारा तहसीलदार आकाश गुप्ता जी, नायाब तहसीलदार आस्था चंद्राकर, जनपद मुख्य कार्यपालन अधिकारी सत्यव्रत तिवारी जी के उपस्थिति में एस डी एम श्रीमती मेनका प्रधान जी को समश्या से अवगत कराते हुए ज्ञापन सौंपा गया, जिस पर एस डी एम मेनका प्रधान के द्वारा जल्द से जल्द उचित कार्यवाही की बात कही गयी, पूर्व में भी क्षेत्र के सभी जनप्रतिनिधियों के द्वारा भी प्लांट प्रबंधन एवं शासन को इस संदर्भ में अवगत कराया जा चुका है, जिसके बाद भी प्लांट प्रबंधन के द्वारा इस प्रमुख मुद्दे को गंभीरता से नही लिया जा रहा है, साथ ही अभी तक प्लांट प्रबंधन के द्वारा बैठ कर चर्चा करने को भी तैयार नही है, वेणुगोपाल जो कि प्लांट के प्रबंधक है उनके द्वारा अब फोन भी नही उठाया जा रहा और न ही किसी से किसी प्रकार का संपर्क नही किया जा रहा है, प्लांट में कोयला के हज़ारों ट्रक रोज बिना पर्याप्त परीक्षण के प्रवेश कर रहे है , साथ ही करीब सभी शिफ्ट को मिला कर दस हज़ार कर्मचारी का प्रतिदिन का आना जाना जारी है, पर प्लांट के विनोद श्रीवास्तव जो कि प्लांट में जमीन संबंधी मामलों के प्रभारी एवं उच्च पद में आसीन है , जिनके द्वारा जीवन निर्वाह भत्ता लाभार्थी समिति के पदाधिकारियों एवं सदस्यों को दिग भ्रमित करते हुए कोरोना वायरस का बहाना बना कर प्लांट में सीमित लोगो के साथ बैठक के लिए भी मना किया जा रहा है, जो कि समझ से परे है, पास ही के ऑरेंज जोन जिले कोरबा के ट्रक का प्रवेश बिना पर्याप्त जांच के हो जा रहा पर जिस ग्राम के जमीन में प्लांट स्थित है वही के ही भुविस्थापित किसानों जो कि प्लांट प्रबंधन से सिर्फ पेंशन के संबंध में मिलना चाह रहे है उनसे मिलने के लिए मना किया जा रहा है, जिससे भुविस्थापित 651 परिवारों के सदस्यो में प्लांट के इस दमनकारी रवैये से रोष व्याप्त है, उक्त बातो से एस डी ऐम मेनका प्रधान जी को समिति के पराधिकारियो के द्वारा मौखिक एवं लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है, 10 मई तक अगर उचित कार्यवाही नही किया जाता है तो किसी भी दिन शासन एवं प्रशासन को अवगत करा कर प्लांट के मुख्य प्रवेश द्वार में पूरे भुविस्थापित आठ ग्रामो के 651 (छः सौ इंक़यावन ) भुविस्थापित परिवार के लोग अपने हक़ के पैसों के लिए एकत्रित होने पर बाध्य होंगे, जिसकी सम्पूर्ण जवाबदारी प्लांट प्रबंधन एवं शासन की होगी,