
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा
रायपुर. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पीएम नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा है. इसमें सीएम बघेल ने कोरोना वायरस को लेकर केंद्र सरकार द्वारा किए जा रहे सकारात्मक पहल की सराहना की है. इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में लॉकडाउन और कोरोना वायरस के लिए छत्तीसगढ़ में किए जा रहे कार्यों की जानकारी पीएम मोदी को दी है. सीएम बघेल ने केंद्र सरकार से मनरेगा मजदूरों, असंगठित कामगारों, जन-धन खातों और संगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए राहत पैकेज देने का अनुरोध किया है ताकी उन्हें इस मुश्किल घड़ी में आर्थिक सहायता मिल सके.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने पत्र में लिखा है कि छत्तीसगढ़ में 21 मार्च से कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लाॅकडाउन की घोषणा की गई है, जिससे राज्य में कोरोना पीड़ितों की संख्या सीमित रखने में सहायता मिली है. राज्य में फिलहाल कोरोना वासरस से 7 व्यक्ति प्रभावित हुए है, उनकी दशा भी सामान्य है. राज्य में कोरोना पीड़ित किसी भी व्यक्ति की मृत्यु नहीं हुई है. एम्स रायपुर का अमला तथा राज्य शासन के सभी अधिकारी आपदा के इस समय में आम जनता को सभी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए पूरी मुस्तैदी के साथ मोर्चा संभाले हुए है. लेकिन लाॅकडाउन से धीरे-धीरे राज्य की जनसंख्या के बड़े भाग को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ रहा है.
सीएम भूपेश बघेल ने की सहायता पैकेज की मांग
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि 26 मार्च को केन्द्रीय वित्तमंत्री द्वारा लोगों को सहायता पहुंचाने के लिए की गई घोषणाएं सराहनीय है, जिसमें समाज के बड़े तबके को राहत मिली है. लेकिन समाज का एक बड़ा वर्ग उन घोषणाओं से लाभ प्राप्त करने में अभी भी वंचित है. विशेष तौर पर मनरेगा योजना के तहत आने वाले भूमिहीन मजदूर तथा असंगठित क्षेत्र के कामगार, वर्तमान परिस्थितियों में इनका जीवन-यापन दूभर होना तय है. सीएम भूपेश बघेल ने केंद्र सरकार के सामने मनरेगा और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को अगले तीन महीने तक प्रतिमाह एक हजार की राशि उनके खातों में देने की सलाह दी है. साथ ही सभी जन-धन खाता धारकों को 750 रूपए प्रतिमाह की राशि आगामी 3 माह तक उनके खातों में देने की मांग भी केंद्र सरकार के सामने रखी है. इसके साथ ही गठित क्षेत्र के सभी कामगारों जिन्हें 15 हजार से कम राशि मिलती हो, उनके भविष्य निधि की पूरी राशि केंद्र द्वारा वहन करने और उसमें किसी भी तरह की पूर्व शर्त नहीं रखने का अनुरोध किया है.