छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारियों/अधिकारियों को कोरोना काल मे वित्तीय मितव्यता एवं अनुशासन के नाम पर की जा रही उपेक्षा।। 1 नवम्बर को राजधानी में और 2 एवं 3 को समस्त कर्मचारी अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर जिला मुख्यालय में प्रदर्शन कर कलेक्टर को सौंपेंगे ज्ञापन।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

रायपुर 29 अक्टूबर 2020 – छत्तीसगढ़ शासन द्वारा कोरोना महामारी के संक्रमण काल में वित्तीय मितव्यता एवं अनुशासन के नाम पर राज्य के कर्मचारियों / अधिकारियों के वार्षिक वेतन वृद्धि ( इंक्रीमेंट ) , महंगाई भत्ता , सातवे वेतनमान का एरियर , तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति में रोक लगाकर कर्मचारियों की उपेक्षा की जा रही है ।

जिसको लेकर 1 नवम्बर , 2020 राजधानी रायपुर में सत्याग्रह 2 एवं 3 नवम्बर 2020 समस्त कर्मचारी – अधिकारी सामूहिक अवकाश लेकर 3 नवम्बर को जिला मुख्यालयों में प्रदर्शन एवं कलेक्टर को ज्ञापन सौपेंगे।

दूसरी ओर वित्तीय संकट के दौर में माननीय वर्तमान एवं पूर्व विधायकों के भत्ते एवं पैंशन में वृद्धि , संसदीय सचिवों की नियुक्ति , निगम , अण्डल एवं प्राधिकरण के अध्यक्ष , उपाध्यक्ष एवं सदस्यों की नियुक्तियाँ , नया रायपुर में नई विधानसभा , मुख्यमंत्री , मंत्री , विधायक , विश्राम गृह सहित सचिवों के बंगलों का निर्माण कार्य को प्राथमिकता देकर अपनी जान जोखिम में डालकर कोविड -19 में ड्यूटी दे रहे कर्मचारियों , अधिकारियों के 50 लाख रूपये का बीमा करने, कर्मचारियों, अधिकारियों के बार्षिक वेतनवृद्धि,(इंक्रीमेंट) ,मंहगाई भत्ता, सातवें वेतनमान का एरियर, कर्मचारियों की वेतन विसंगति, संविदा, दैनिक वेतन एवं आउटसोर्सिंग से कार्यरत कर्मचारियों को नियमित करने तथा तृतीय श्रेणी के पदों पर अनुकंपा नियुक्ति देने के लिये सरकार के पास पैसा नहीं है। प्रांताध्यक्ष करन सिंह अटेरिया ने ग्यारह सूत्रीय मांगों के ध्यानाकर्षण हेतु अधिकारी – कर्मचारी फेडरेशन के कार्यक्रम को समर्थन एवं सहयोग प्रदान कर कार्यक्रम को सफल बनाने की अपील की है।

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