वैज्ञानिक दीपक! अद्भुत।
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Global36garh न्यूज से ललित गोपाल की खबर
न्यूज़ डेस्क – माटी के दिए के ऊपर गुम्बद में तेल भरकर ….दिए को ऊपर करते हुए …पलट कर रख देते हैं, ….गुम्बद की टोंटी में से …तेल टपक कर..दिया भर जाता है।
जैसे ही दिया भर जाता है… वैसे ही टोंटी में से तेल की धार कम होकर …स्वत: बंद हो जाती है…
और जब दिये का तेल कम होने लगता है ….पुन: टोंटी का तेल बूंद-बूंद करके …और बहुत धीरे धीरे.. टपकना शुरू हो जाता है।
यह दिया …लगातार बारह से चौबीस घंटे तक…जल सकता है।
इसे नेशनल मेरिट एवार्ड से सम्मानित ….कुम्हार पाड़ा…कोंडागांव (बस्तर) निवासी .…श्री अशोक चक्रधारी ने बनाया है।
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