रीपा से बनाए गए छत्तीसगढ़िया ढाबा में छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ भोजन का भी आनंद ले रहे हैं लोग

 

 

जांजगीर-चांपा / महात्मा गांधी रूरल इंडस्ट्रियल पार्क (रीपा) के माध्यम से मुलमुला गौठान में बनाए गए छत्तीसगढ़ी ढाबा में ढाबे की बढ़ती लोकप्रियता के साथ ही लोगों की आवाजाही बढ़ने लगी है। इस ढाबा में आसपास के क्षेत्र के अलावा यहां से गुजरने वाले राहगीर भी छत्तीसगढ़ी व्यंजनों के साथ भोजन का भी आनंद ले रहे हैं। मंगलवार को जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह भी अपने परिवार के साथ ढाबा पहुंचे और उन्होंने दाल, चावल, सब्जी रोटी के साथ चिकिन का आनंद लिया।

 

जिला पंचायत उपाध्यक्ष राघवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि ढाबा में वह पत्नी शुभा सिंह, किशोर सिंह, योगेन्द सिंह, जितेन्द्र सिंह के साथ ढाबा में स्वादिष्ट भोजन का आनंद लिये। उन्होंने बताया कि खाने-पीने के सामान के साथ ही ढाबा में छत्तीसगढ़ी संस्कृति को परिलक्षित करती हुई कलाकृतियां बरबस ही मनमोह ले रही हैं। इस ढाबे में दूसरे शहरों एवं राज्यों से गुजरने वाले लोग भी पहुंचकर खाने का स्वाद ले रहे हैं। उन्होंने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशानुरूप रीपा के माध्यम से जिले का पहला ढाबा मुलमुला में संचालित किया जा रहा है साथ ही गौठान एवं रीपा के माध्यम से ग्रामीण, युवा, महिलाओं को गांव में ही स्वावलंबी बनाते हुए स्वरोजगार प्रदाय किया जा रहा है।

 

रीपा से बन रहे उद्यमी –

 

जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ ज्योति पटेल ने बताया कि जिले में रीपा से जुड़कर युवा, ग्रामीण, महिलाएं उद्यमी बन रहे हैं। मुलमुला गौठान में बनाए गए रीपा के माध्यम से भी समिति जुड़ी है, यह ढाबा बिलासपुर से शिवरीनारायण रोड पुराने नेशनल हाइवे पर छत्तीसगढ़िया ढाबा के नाम से संचालित किया जा रहा है। रीपा से वर्क शेड, बिजली, पानी आदि सुविधाएं दी गई है। ढाबा में भोजन के साथ छत्तीसगढ़ी व्यंजन भी परोसे जा रहे हैं।

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