बिलासपुर- मुगेली की कोरेन्टीन सेंटर से कोरोना संदिग्ध प्रेग्नेंट महिला को सिम्स प्रबंधन द्वारा वार्ड में रखे जाने से ड्यूटी कर रहे कई मेडिकल स्टॉफ व वार्ड में भर्ती मरीज सम्पर्क में आ गए है और इन सभी पर कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। हालाकि सिम्स प्रबंधन ने संपर्क में आये सभी मेडिकल स्टाफ की जानकारी लेकर तत्काल कोरेन्टीन कर दिया है।
ज्ञात हो कि मंगलवार को मुंगेली के कोरेन्टीन सेंटर में एक 19 वर्षीय प्रेग्नेंट महिला की तबियत अचानक खराब हो गई थी जिन्हें रात में सिम्स इलाज के लिए लाया गया था जिसका की पहला कोरोना जांच निगेटिव आया था और पीसीआर जांच की रिपोर्ट आनी बाकी थी। इसी बीच सिम्स आने पर सिम्स प्रबंधन द्वारा उसे वार्ड में इलाज के लिए भर्ती कर दिया गया । और तभी खबर आई कि महिला की पीसीआर रिपोर्ट पोसेटिव आया है। प्रेग्नेंट महिला की कंडीशन को देखते हुए सिम्स प्रबंधन ने रात में ही उसे रायपुर एम्स रिफर तो कर दिया। लेकिन इधर वार्ड में भर्ती मरीजो व ड्यूटी कर रहे मेडिकल स्टाफ को संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण का खतरा मंडराने लगा है। प्रबंधन ने तत्काल पतासाजी कर संपर्क में आये सभी मेडिकल स्टाफ को कोरेन्टीन में भेज दिया है लेकिन संपर्क में आये वार्ड के मरीज अभी भी भर्ती है और अपना इलाज करा रहे है।
आपको बता दे कि सिम्स स्टाफ की कमी से पहले से ही जूझ रहा है। पिछले कुछ दिनों पूर्व सिम्स कोरोना ओपीडी में कार्यरत जूनियर डॉक्टर में भी कोरोना पोसेटिव पाया गया था और उसके संपर्क में आने वाले डॉक्टर, नर्सो, वार्ड बॉय सभी को कोरेन्टीन में भेजा गया है। अभी मुगेली की प्रेंग्नेंट महिला के संपर्क में आने वाले 7 मेडिकल स्टाफ को कोरेन्टीन में भेजा गया है।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 10 डॉक्टर 17, नर्से व 17 वार्ड बॉय अभी कोरेन्टीन मे है। कोरोना वार्ड में ड्यूटी करने वाले मेडिकल स्टाफ का रोस्टर बना हुआ है कि 14 दिनों की ड्यूटी के बाद 14 दिन कोरेन्टीन में रहना है । स्वास्थ्य विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार जून जुलाई माह मे और भी कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़ने की संभावना जताई गई है । ऐसे में क्या हमारे पास मरीजो के इलाज के लिए आवश्यक मेडिकल स्टाफ रह पाएंगे। इस ओर प्रबंधन को तत्काल ध्यान देने की आवश्यकता है।