गरीबों की उतनी मद्दत नही हुई जितनी उनकी होनी चाहिए थी – शैलेश पाण्डेय
बिलासपुर- विधायक शैलेष पाण्डेय की फेसबुक पोस्ट ।
पढ़िये… मजदूरों को होने वाली परेशानीयो पर कहा क्या…..
मैं आज फिर आप से दो तीन बातें साझा करने आया हूँ इसे किसी की निंदा या बुराई के रूप में मत लेना। मैं एक विधायक व जनप्रतिनिधी हूँ।
अगर समय रहते इन मजदूरों के लिए कुछ किया जाता तो अच्छा था। हालांकि प्रदेश सरकार की अच्छी मैनेजमेंट की वजह से हमारे प्रदेश में कोरोना संक्रमण की स्थिति ठीक है। मेरा कहना बस इतना है कि समय पर मजदूरों को ट्रेनों की सुविधा मुहैया करा दी जाती या लॉक डाउन के पहले इन्हें इनके घर जाने दिया जाता तो स्थिति आज बेहतर होता।आज श्रमिक परेशान है आज जरूरत है उनकी मद्दत करने की । आज हमें उनको बचाना भी है। वो हमारे अपने है। वो अगर काम नही करेंगे तो देश का काम नही चलेगा। उनकी सुरक्षा हमारा दायित्व है। माननीय राहुल ग़ांधी ने भी कहा था कि देश में लॉक डाउन होना चाहिए और लगातार एक माह पहले ही विश्व की जो हालात है उसे बता दिया था। अगर उस समय ध्यान दिया गया होता तो ज्यादा अच्छा होता अगर समय रहते हमारे इधर उधर रहने वाले मजदूर ट्रेनों व बसों से घर पहुच जाते तो इतनी दिक्कत उन्हें आज नही होती। मेरा आरोप नही है ” गरीबो की उतनी मद्दत नही हुई जितनी उनकी होनी चाहिए थी”। आज केंद्र सरकार को चाहिए कि जितने मजदूर है जरूरत मंद है उनको 10,000/-दे कर तत्काल उसकी सहायता करें। तब वो अपने आपको बचा पाएंगे, सुरक्षित कर पाएंगे। ये केंद्र सरकार कर सकती है। बीपीएल परिवारो को प्रतिमाह 7500 रुपये 6 माह तक देना चाहिए। इससे देश की हालत बदलेगी।
प्रधानमंत्री मंत्री जी ने जो 20 लाख करोड़ का पैकेज दिया है। उससे एक गरीब का क्या होने वाला है ।उससे उसे कुछ नही मिलेगा । सरकार का दायित्व है की जरूरतमंदों की मद्दत करे। केंद सरकार को दिल दिखाना चाहिए था लेकिन वो दिल सोनिया गांधी ने दिखाया कि पूरे देश मे श्रमिकों व मजदूरों के ट्रेन का किराया कांग्रेस पार्टी ने वहन की। जबकि ये पहल प्रधानमंत्री जी को करनी चाहिए थी। उत्तर प्रदेश में भी प्रियंका गांधी जी को मद्दत करनी पड़ी।
इस वक़्त देश मे कोई राजनीतिक नही सिर्फ सेवा करनी चाहिए और ये सेवा केंद्र व राज्य दोनों को मिलकर करनी चाहिए ये मेंरी प्रार्थना है।
अंत मे जरूरत मंद सभी लोगो की मद्दत करने की अपील की।
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