अफसर हर जिले में चिटफंड सेल बनाते रह गए,सभी ने चिटफंड का पैसा वापस करने का भरोसा दिया लेकिन पीड़ितों को कुछ हासिल नहीं हुआ पढ़िए आगे चिटफंड से ज्यादा शासन प्रशासन,फोरम, कोर्ट कैसे ठगे निवेशकों को।।चिटफंड विशेषांक।।
रायपुर – सन् 2005 छ ग में बीजेपी की सरकार ,प्रदेश के कोने कोने में हर जिलों में 100 रू का हर माह 5 से 10 रू फीसदी स्कीम देने का झांसा देकर जाल बिछाया जा रहा था।प्रदेश के कई नामिगिरामी अख़बारों के माध्यम से इसका खूब प्रचार प्रसार होता रहा।जिसको देखकर लोग 100 को 200 करने के चक्कर में सब कुछ लुटाते रहे।चिटफंड के संचालक बीजेपी के मंत्री,विधायकों को मुख्य अतिथि बना कर फीता कटवा कर जगह जगह कार्यालय खोला जा रहा था वह भी शासन प्रशासन के सह पर उसी के नाक नीचे यह सब कुछ हो रहा था।
इधर लोग अपने प्लॉट,जेवर बेचकर,बैंक में रखे नगदी रुपए को उनके जाल में फंसते गए रकम जमा करते गए।कुछ माह शुरू में कमिशन मिलता रहा बाद में सब बंद होते रहे।एक कंपनी बंद करके उसी के लोग दूसरी कम्पनी बना लेते थे।सब होते गए पुलिस के पास थानों में मामला आता गया आरोपियों से उस समय पुलिस बखूबी रकम कमाई की पुलिस आरोपी को पकड़कर केवल 420 धारा लगा कर जेल में डाल देती थी फिर वहां पर कुछ माह रहकर जेल से बेल मिल जाती थी फिर जेल से छूटते ही आरोपी नौ दो ग्यारह हो जाते थे वहीं एजेंट स्थानीय होने के कारण पुलिस इनको ज्यादा परेशान करती थी फिर भी पुलिस एजेंट से भी खूब रकम बटोरी,कईयों तो पुलिस प्रताड़ना से आत्महत्या तक कर ली है ।
छ ग में चिटफंड के 90 फीसदी आरोपी दिल्ली,मुंबई,तेलंगाना, यूपी,बिहार,कोलकाता,एमपी,चेन्नई के थे।
आपको आगे बता दें कि प्रदेश में उस समय चिटफंड से हाहाकार मच गया था,लोग सड़कों पर उतर आए,जगह जगह चिटफंड के खिलाफ और रकम वापस कराने के लिए आंदोलन होने लगे चूंकि चिटफंड कंपनियों में छ ग के हर घर से रकम निवेश किया गया था।
प्रदेश के शासन प्रशासन जनता को चुप कराने के लिए चिटफंड के विरूद्ध कार्यवाही करने बैठक करते थे आइए आगे कब कब क्या क्या कार्यवाही हुई किस किस अख़बारों में सभी की तिथि वार हमारे संवाददाता नीलकांत खटकर आपको पूरी जानकारी दे रहे हैं।तेरह जनवरी 2011 रायपुर के दैनिक भास्कर में खबर छपी हेडिंग था “20 करोड़ डकारने वाला मास्टरमाइंड गिरफ्तार “,13 फरवरी 2012 हरिभूमि रायपुर “पौने तीन करोड़ का चूना,पकड़ा गया आरोपी”,5 जनवरी 2013 हरिभूमि “मकान बनाकर दो या रकम वापस करो”(उपभोक्ता फोरम का फैसला),9 मई 2013 हरिभूमि रायपुर” चिटफंड कंपनियों ने लगाया चूना”,10 जनवरी 2015 हरिभूमि रायपुर ” चिटफंड का होगा डिब्बा गुल”,29 मई 2015 हरिभूमि बिलासपुर “चिटफंड के नाम पर ठगी जमानत अर्जी खारिज”29 मई 2015 पत्रिका रायपुर” चिटफंड कंपनियों की सूचना साझा करेगी सरकारी एजेंसियां”,4 सितंबर 2015 हरिभूमि रायपुर हेडिंग “फ्लैट बनाकर नहीं दिया बिल्डर पर 21 लाख जुर्माना”,6 फरवरी 2015 पत्रिका रायपुर ज्यादा ब्याज का लालच देकर फंसा रहे चिटफंड एजेंट,पुलिस बनी मौन”,7 फरवरी 2015″ चिटफंड कारोबार पर मुख्य सचिव से मांगा जवाब”,14 फरवरी 2015 नई दुनिया रायपुर संस्करण” रुचि बिल्डर्स ने दबाए करोड़ों फोरम का फैसला भी नहीं माना”,8 फरवरी 2015 हरिभूमि रायपुर “एचबीएन डकार गई 1 अरब”,18 मई 2015 हरिभूमि रायपुर” चिटफंड के खिलाफ पिछड़ा वर्ग फिर करेगा आंदोलन “,23 सितंबर 2015 भास्कर न्यूज रायपुर “सौ करोड़ रुपए की प्रापर्टी छोड़कर प्रदेश से भागी 14 फ्रॉड कंपनियां “,26 नवंबर 2015” चिटफंड कंपनियों पर त्वरित कार्रवाई करने सीएम ने दिय निर्देश “,28 जनवरी 2016 दैनिक भास्कर रायपुर ” 20 धोखेबाज कंपनियों की सौ करोड़ की प्रापर्टी कोर्ट और प्रशासन से मांगी नीलामी की इजाजत”,7 मार्च 2016 हरिभूमि रायपुर” 26 कंपनियों की करोड़ों की संपत्ति होगी नीलाम,दावेदारों को मिलेगा पैसा”,21 जुलाई 2016 भास्कर रायपुर” प्रदेश में 33 चिटफंड कंपनी से 500 करोड़ की संपत्ति राजसात होगी,जनता का पैसा वापस करेगी सरकार”,19 फरवरी 2018 भास्कर रायपुर “हर रेंज में होगी चिटफंड जांच सेल, डीएसपी रैंक के अधिकारी होंगे प्रभारी”।आप उक्त हमारी सारी रिपोर्ट पढे होंगे आपको कितना अचरज हो रहा होगा पुलिस को पूछने पर कहती है हमने 2005 से लेकर 2010 के सभी मामले को फैसले के लिए फाईल कोर्ट में पेश कर दिया है कब फैसला होगा कोर्ट जाने?? लेकिन माननीय न्यायालय भी जनता के फेवर में जल्दी फैसला देना जरूरी नहीं समझ रहे हैं। मायूस निवेशक अपनी रकम पाने थाना,कोर्ट कचहरी का चक्कर लगा लगा कर थक हार चुके हैं फिर भी उनमें अपनी रकम मिलने की उम्मीद जगी हुई है।