पेट्रोल डीजल पर टैक्स बढ़ाकर मोदी जी जनता की जेब काट रहे हैं – शैलेश नितिन त्रिवेदी।। जनहित की जगह मुनाफ़ाखोरों की तरह काम कर रही है केंद्र सरकार।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

 

 

 

 

 

 

 

रायपुर/24 जून 2020। छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के प्रमुख शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि ‘बहुत हुई जनता पर पेट्रोल डीजल की मार’ और ‘बहुत हुई महंगाई की मार’ जैसे नारे लगाकर सत्ता में आए नरेंद्र मोदी जी अब पेट्रोल डीजल के दामों को लेकर जनता पर लगातार बोझ डालने पर तुले हुए हैं. उन्होंने कहा है कि मोदी जी जानते हैं कि इससे महंगाई बढ़ेगी लेकिन वे अभूतपूर्व मौन साधे हुए हैं और उनकी सरकार लगातार 17 दिनों से पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाती जा रही है।पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ाए जाने पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए प्रदेश शैलेश नितिन त्रिवेदी ने कहा है कि एक ओर देश की जनता कोरोना के संकट काल में अपनी आजीविका और दो वक़्त की रोटी को लेकर चिंतित है, ऐसे समय में पेट्रोल डीजल के दाम बढ़ाना जनविरोधी कदम ही दिखता है. उन्होंने कहा है कि ऐसे कठिन समय में जनता को राहत देने की जगह उस पर और बोझ लादना भाजपा सरकार की निष्ठुरता ही दिखाती है. सरकार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाकर लोगों के घाव पर नमक छिड़क रही है।
उन्होंने कहा है कि 6 साल में 12 बार से अधिक पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़ाकर मोदी सरकार अब तक 18 लाख करोड़ रुपए अतिरिक्त प्राप्त कर चुकी है। इन 18 लाख करोड़ रुपयों का आज संकट की इस घड़ी में देश की जनता को राहत पहुंचाने के लिए क्यों नहीं इस्तेमाल किया जा रहा है? 17 दिन लगातार पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने, 5 मई को पेट्रोल और डीजल पर 10 रुपए और 13 रुपए प्रति लीटर क्रमशः एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने और 5 मार्च, 2020 को 3 रुपए प्रति लीटर पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ाने के पीछे इस महामारी के दौर में सरकार की जनता के प्रति दुर्भावना क्या है?
संचार विभाग प्रमुख ने कहा है कि पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने के कारण मालभाड़ा बढ़ रहा है और महंगाई बढ़ रही है। ट्रांसपोर्टर परिवहन की दरें बढ़ा रहे हैं। डीजल का व्यापक उपयोग कृषि कार्यो में होता है। डीजल महंगा होने से किसानों की उत्पादन लागत भी बढ़ रही है। आवश्यक वस्तुओं किराना, सब्जी, अनाज सबके दाम बढ़ रहे हैं। इस तरह की बढ़ोत्तरी से पहले से परेशान जनता की परेशानी और बढ़ने वाली है.
उन्होंने कहा है कि जब दुनिया में कच्चे तेल के दाम गिर रहे हैं तो भारत मे लगातार वृद्धि क्यों की जा रही है? मई 2014 में क्रूड ऑयल की कीमत 106.85 डॉलर प्रति बैरल थी और आज विश्व बाजार में क्रूड ऑयल की कीमत 38 डॉलर प्रति बैरल है. उन्होंने कहा है कि केंद्र की मोदी सरकार जनहित में फ़ैसले लेने की जगह मुनाफ़ाखोर की तरह काम कर रही है और आम आदमी के ऊपर बोझ बढ़ा कर खुद कमाने में लगी है।
बढ़ता जा रहा है टैक्स क्रूड ऑयल की कीमतों में 64 प्रतिशत की गिरावट आई है। पहली मई 2014 को पेट्रोल में सेंट्रल एक्साइज 9.20 रुपए प्रति लीटर था जबकि आज पेट्रोल में सेंट्रल एक्साइज बढ़कर 32.98 रुपए प्रति लीटर हो चुका है। 258 प्रतिशत की बढ़ोतरी पेट्रोल में सेंट्रल एक्साइज में की गई है।डीजल पर पहली मई 2014 को सेंट्रल एक्साइज 3.46 रुपए प्रति लीटर था जो मोदी सरकार द्वारा बढ़ाकर अब 31.8 रू. प्रति लीटर किया जा चुका है। डीजल में सेंट्रल एक्साइज में 819.9 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।सरकार को जनहित में काम करना चाहिए लेकिन ये सरकार जनता की जेब काटने में लगी हुई है।

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