न्यूज़ डेस्क- यूँ तो हम अंधविश्वास का समर्थन नही करते है । लेकिन हम उन कोरेन्टीन सेंटर में रुके मजदूरों के द्वारा कही जा रहीं बातें आपको बताने जा रहे है। कोरेन्टीन सेंटन में रुके मजदूरों ने रात में क्या देखा..? वहा ठहरे हुए लोगो को रात में कैसी-कैसी आवाजे सुनाई देती है?
ये खबर है बलौदा बाजार जिले के एक कोरेन्टीन सेन्टर कि …जंहा कुछ प्रवासी मजदूरों को ठहराया गया है। ठहरे हूए प्रवासी मजदूरों का कहना की मध्यरात्रि 11 बजे से 2 बजे तक किसी लड़की की पायल की छम-छम की आवाज़े सुनाई देती है और किसी के चलने से पैरों की धम- धम की आवाजें भी आती है। तो कभी किसी के दरवाजा खोलने व बंद करने की आवाजे सुनाई देती है। ये कोरेन्टीन सेंटर में रुके किसी एक मजदूर का कहना नही बल्कि सभी मजदूरों को येसा ही कहना है कि रात को 11 से 2 बजे तक ऐसी आवाजे उन्हें सुनाई देती है। सुबह होने पर दीवारों में किसी के चलते हुए पैरों के निशान भी इन्हें दिखाई दे रहे है। इस बात की जानकारी सुबह होने पर मजदूरों ने गांव के सरपंच को दी है । जिस पर गांव के सरपंच ने अधिकारियों से बात कर इन्हें अन्य जगह पर शिफ्ट करा दिया है।