रायपुर – राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा के छ ग प्रदेश संयोजक लैलुन कुमार भारद्वाज ने कहा है कि छत्तीसगढ़ में वर्ष 2004 के बाद से 3 लाख से अधिक शिक्षक व कर्मचारी है, जिन्हें एनपीएस दिया जा रहा है, जो सेवानिवृति के बाद बाजार आधारित पेंशन व्यवस्था है, जिसमे बुढापा के समय नियमित पेंशन राशि नही मिलती है, अतः पूरा सेवाकाल शून्य हो जाता है।2004 में यह योजना केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया, जिसे अनेक राज्य सरकार ने भी अपने कर्मचारियो के लिए भी लागू किया है, इस बीच इस योजना की विसंगति व नुकसान कर्मचारियो को भोगना पड़ रहा है, जिससे एनपीएस का विरोध पूरे देश मे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बी पी सिंह रावत के अगुवाई में जारी है, वही छत्तीसगढ़ में प्रदेश संयोजक संजय शर्मा व वीरेंद्र दुबे के नेतृत्व में 3 लाख से अधिक शिक्षक व कर्मचारी पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग कर रहे है, दरअसल पुरानी पेंशन योजना में सेवानिवृति के बाद प्रत्येक माह एक निश्चित व निरन्तर राशि मिलती है, जिससे पेंशन बुढ़ापे के समय का सबसे बड़ा सहयोग बन जाता है, सेवा समाप्ति के बाद भी कर्मचारी स्वयं सक्षम होता है।इन्होंने आगे कहा कि 21 जून को पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक जन जागरूकता के साथ मांग को जोड़कर छत्तीसगढ़ में अभियान प्रारम्भ किया गया है, यह आगाज आगे चलकर संग्राम में परिणित होगा, जिसमे प्रदेश के अधिसंख्य शिक्षक व कर्मचारियो का स्वस्फूर्त सहयोग व समर्थन मिल रहा है ।
21 जून को प्रातः योग करने के बाद सूर्यग्रहण काल मे प्रातः 10 से 12 बजे मांग के पोस्टर के साथ फोटो खींचकर अपनी पुरानी पेंशन की मांग को विभिन्न माध्यम से प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री तक पहुंचा रहे है।छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन बहाली हेतु एक ही बैनर राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा है, जिसमे सभी कर्मचारी संघ व शिक्षक संघ को समान अधिकार, समान पद व भूमिका प्रदत्त है, जिसमे सभी कर्मचारी को भी विस्वास है।