
ब्रेकिंग न्यूज़: इस नाग पंचमी की रोचक बातें जान के होश उड़ जाएंगे आपके जानिये क्यों मनाया जाता है नाग पंचमी का त्यौहार
Global 36garh news@छत्तीसगढ़ नागपंचमी. श्रावण मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का त्यौहार मनाया जाता है। नागपंचमी को शिवजी के गले में विराजमान होने वाले सर्प का पूजन होता हैं। ज्योतिष के जानकारों के मुताबिक इस साल का नागपंचमी बहुत ही शुभ योग में हैं। इस नाग पंचमी पर 30 साल बाद एक दुर्लभ योग बनेगा। इस योग में नाग देवता की पूजा करने से आपके जीवन की सारी परेशानी नष्ट हो सकती है।
ज्योतिष के जानकारों का कहना है कि इस साल में पहली बार नाग पंचमी के शुभ अशुभ योग में नागों की पूजा का फल कई गुना ज्यादा मिलता है। इस दौरान भगवान शिव को उनके नामों की पूजा करने से मन चाहे फल की प्राप्ति हो सकती है। नाग पंचमी पूजा से काल सर्प दोष का निवारण किया जा सकता है। नाग पंचमी तिथि श्रावण मास की पंचमी तिथि मंगलवार 2 अगस्त यानी कि आज सुबह 5:13 से लेकर 3 अगस्त को सुबह 5:40 तक रहेगी l नाग पंचमी के साथ मंगला गौरी व्रत भी पड़ रहा है l नाग पंचमी की पूजा के अलावा भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाएगी
नाग पंचमी का रहस्य
नाग पंचमी हिन्दुओं का एक प्रमुख त्योहार है। हिन्दू पंचांग के अनुसार सावन माह की शुक्ल पक्ष के पंचमी को नाग पंचमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन नाग देवता या सर्प की पूजा की जाती है और उन्हें दूध से स्नान कराया जाता है। लेकिन कहीं-कहीं दूध पिलाने की परम्परा चल पड़ी है। नाग को दूध पिलाने से पाचन नहीं हो पाने या प्रत्यूर्जता से उनकी मृत्यु हो जाती है। शास्त्रों में नागों को दूध पिलाने को नहीं बल्कि दूध से स्नान कराने को कहा गया है। इस दिन अष्टनागों की पूजा की जाती है।
जन्मकुन्डली के सर्प दोष का निवारण
आज के पावन पर्व पर वाराणसी (काशी) में नाग कुआँ नामक स्थान पर बहुत बड़ा मेला लगता है। किंवदन्ति है कि इस स्थान पर तक्षक गरूड़ जी के भय से बालक रूप में काशी संस्कृत की शिक्षा लेने हेतु आये, परन्तु गरूड़ जी को इसकी जानकारी हो गयी,और उन्होंने तक्षक पर हमला कर दिया, परन्तु अपने गुरू जी के प्रभाव से गरूड़ जी ने तक्षक नाग को अभय दान कर दिया, उसी समय से यहाँ नाग पंचमी के दिन से यहाँ नाग पूजा की जाती है। यह मान्यता है, कि जो भी नाग पंचमी के दिन यहाँ पूजा अर्चना कर नाग कुआँ का दर्शन करता है, उसकी जन्मकुन्डली के सर्प दोष का निवारण हो जाता है।