छत्तीसगढ़ राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस प्रत्याशी फूलो देवी नेताम और केटीएस तुलसी ने दाखिल किया नामांकन

 

रायपुर. छत्तीसगढ़ में राज्यसभा की रिक्त हो रही दो सीटों के लिए सत्ताधारी दल कांग्रेस की ओर से उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता केटीएस तुलसी और महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष फुलो देवी नेताम ने अपना पर्चा भरा है. विधानसभा के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को यहां बताया कि तुलसी और नेताम ने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया. इस दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य, राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी पी.एल.पुनिया तथा प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष मोहन मरकाम मौजूद थे. फूलो देवी नेताम बस्तर क्षेत्र के प्रमुख आदिवासी नेताओं में से एक हैं. वह वर्ष 1998 से 2003 के मध्य केशकाल विधानसभा क्षेत्र की विधायक थीं. वर्ष 2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने कांकेर लोकसभा क्षेत्र से उन्हें अपना उम्मीदवार बनाया था. वह भाजपा के विक्रम उसेंडी से हार गई थीं. केटीएस तुलसी उच्चतम न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता हैं. वह वर्ष 2014 में राज्यसभा सदस्य के रूप में नामित हुए थे. तुलसी वर्ष 1990 में अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल के रूप में नियुक्त हुए थे. अधिकारियों ने बताया कि इस महीने की 16 तारीख को नामांकन पत्रों की जांच होगी तथा 18 मार्च तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. उन्होंने बताया कि शुक्रवार को नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन तक दो उम्मीदवारों के अलावा किसी अन्य ने अपना नामांकन पत्र दाखिल नहीं किया है. दोनों उम्मीदवारों के निर्विरोध निर्वाचन की संभावना है. यदि मतदान की आवश्यकता नहीं हुई तब 18 मार्च को उम्मीदवारों के निर्वाचन की घोषणा कर दी जाएगी. राज्य के मुख्य विपक्षी दल भारतीय जनता पार्टी ने विधानसभा में अपनी संख्या को देखते हुए राज्यसभा चुनाव के लिए उम्मीदवार नहीं उतारने का फैसला किया है. छत्तीसगढ़ के 90 सदस्यीय विधानसभा में सत्ताधारी कांग्रेस के 69, भारतीय जनता पार्टी के 14, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ :जे: के पांच तथा बहुजन समाज पार्टी के दो विधायक हैं. राज्य में राज्यसभा के पांच में से दो सदस्यों कांग्रेस के मोतीलाल वोरा और भाजपा के रणविजय प्रताप सिंह जूदेव का कार्यकाल इस वर्ष अप्रैल में समाप्त हो रहा है. विधानसभा में कांग्रेस के विधयकों की संख्या के आधार पर दोनों सीट कांग्रेस को मिलना तय है. कांग्रेस ने चार बार राज्यसभा सांसद रहे वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा (92) को इस बार उम्मीदवार नहीं बनाया है. राज्य के तीन राज्यसभा सदस्यों में से कांग्रेस की छाया वर्मा और भाजपा के रामविचार नेताम का कार्यकाल जून 2022 तक तथा भाजपा की सरोज पाण्डेय का कार्यकाल अप्रैल 2024 तक है.

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