डॉ. एमडी डाहरे एवम सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉ. डी सी सरकार को अपोलो में भर्ती होकर गवानी पड़ी अपनी जान

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।

बिलासपुर 17 मई 2021 | अपोलो अस्पताल में भर्ती कराकर अपना सब कुछ खोकर लुटाने वाले आम जनता एवं गरीब व्यक्ति की आवाजें अब उठने लगी है ना जाने कितनों की आवाजें अपोलो अस्पताल के मरच्यूरी में दबी हुई है। अब अपोलो अस्पताल का खूनी पंजा आम के बाद अब खास पर भी चलने लगी है और वे भी काल का ग्रास बनकर अपोलो के मरच्यूरी में लेटे हुए रहते है। पिछले 2 दिनों में अपोलो अस्पताल में सरकारी डॉक्टर एम डी दोहरे एवम सर्जिकल स्पेशलिस्ट डॉक्टर डी सी सरकार को अपोलो में भर्ती होकर अपनी जान गवानी पड़ी। इसी दो चिकित्सकों के साथ भी अपोलो प्रबंधन ने वही किया जो आम आदमी के साथ करते आ रहे हैं पैसों की अपोलो के प्रबंधन अपने चिकित्सक बंधुओं को भी नहीं छोड़ा मौत के बाद भी अपने साथी चिकित्सकों के डेड बॉडी के लिए भी पैसा वसूला।

अपोलो अस्पताल प्रबंधन की कारगुजारी प्रतिदिन मीडिया में होती है जिस पर जिले के सुपर बॉस कलेक्टर एसडीएम एवं सीएमएचओ की भी नजर पड़ती है परंतु ऐसा लगता है की प्रशासन के सभी पावरफुल हैंड अपोलो अस्पताल प्रबंधन के सामने पावर लेस हो जाता है। करोड़ों रुपए की जमीन छत्तीसगढ़ शासन अपोलो को एसईसीएल अनुबंध के आधार पर मुफ्त में दे दी परंतु अब एसईसीएल का अपोलो से अनुबंध समाप्त हो गया है। इसी तरह रेल्वे जोन का भी अपने स्टाफ का अपोलो से इलाज संबंधी अनुबंध समाप्त हो गया। हमारी मेडिकल इन्वेस्टीगेशन टीम ने यह पता लगाने का प्रयास किया की आखिर केंद्र सरकार की दो बड़ी मिनी रत्न कंपनियां सुपर स्पेशलिटी अस्पताल के साथ अपना अनुबंध समाप्त क्यों कर लिया ? इस संबंध में जो बातें सामने आई उसके अनुसार एसईसीएल एवं रेलवे जोन के वे अधिकारी जो अपोलो अस्पताल में अपने अधिकारी एवं कर्मचारियों के चिकित्सा के लिए अनुबंध किए थे वह पहले सीबीआई के हिरासत और बाद में काफी समय जेल कस्टडी में रहते क्योंकि एस ई सी एल एवं रेलवे जोन जिस सुपर स्पेशलिटी अस्पताल अपोलो के साथ अपना स्वास्थ्य संबंधी सेवाओं के लिए अनुबंध किया था उस समय अपोलो अस्पताल में एक से एक फेमस चिकित्सकों की फौज के साथ ही हाई सोफिस्टिकेटेड चिकित्सा से संबंधित उपकरण लगे थे परंतु धीरे धीरे सभी स्पेशलिस्ट चिकित्सक नौकरी छोड़ कर चले गए और वे सारे उपकरण कंडम हो गए। और एसईसीएल एवं रेल जोन के अधिकारियों ने अपोलो चिकित्सालय से अपना अनुबंध तोड़ दिया। और तब से अपोलो अस्पताल लूट खसौट, लाश छोड़ने में वसूली कर कर अपोलो अस्पताल को पूरी तरह कलंकित कर दिया । परंतु इतना होने के बावजूद कलेक्टर एवं अन्य पावरफुल अधिकारीगण में इतना पावर नहीं है की अपोलो को ठीक करें, अब आम जनता की राय है कि कलेक्टर साहब अपोलो को लॉक डाउन कर उसका पूरा नियंत्रण अपने हाथों में ले|

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