रायपुर – चित्रेश बन्जारे (मो नम्बर7291051382) ग्राम – बलौदी,तहसील-पलारी, जिला- बलौदा बाज़ार छग निवासी देश के बहुचर्चित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, नई दिल्ली में सामुदायिक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा संस्थान में शोधार्थी चित्रेश कुमार बंजारे को शेफाली भारती की ओर से उनकी माता डॉक्टर सुनीता रेड्डी के द्वारा यौन उत्पीड़न के फर्जी मामले में फंसाकर जेएनयू से प्रोफेसर विभा टंडन व प्रोफेसर धनंजय सिंह के द्वारा सामाजिक रूप से बहिष्कृत किया गया, जिसके कारण सड़क के किनारे रहकर भूखे- प्यासे जीवन यापन करना पड़ा, जिसके चलते श्री बंजारे का स्वास्थ्य लगातार बिगड़ते चला गया, वह प्रतिदिन चिकित्सकों की सलाह पर दवाई खाते रहे, इसी बीच जेएनयू प्रशासन, सुरक्षा विभाग, दिल्ली पुलिस, डीन और स्टूडेंट, छात्रावास अधीक्षकों (सतलज छात्रावास) प्राध्यापकगण,( सोशल मीडिया सेंटर) व अन्य अपराधी छात्रों ने मिलकर इतना शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना किए कि उन्हें दवाई खरीदने से व मेडिकल जाने से पुलिस और सुरक्षा विभाग के द्वारा रोका गया। हालत इतनी बिगड़ी हुई थी कि एंबुलेंस मंगाकर देश में सार्वजनिक क्षेत्र के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान नई दिल्ली में जाना पड़ा, जहां पर वहां के विशेषज्ञ चिकित्सकों ने उपचार के उपरांत श्री बंजारे को कोरोनावायरस सस्पेक्ट मरीज घोषित किया और 14 दिनों तक होम क्वॉरेंटाइन होने को कहा।इन्होंने सभी से मदद की गुहार लगाई है।
जब एंबुलेंस से वापस जेएनयू आया तो जेएनयू प्रशासन के आदेश पर सुरक्षा विभाग जेएनयू और दिल्ली पुलिस ने अंदर जाने से भी रोक दिया। इस महामारी और महाबंद के दौर में इस बेहद गंभीर आपराधिक किस्म के लापरवाही की लिखित शिकायत राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में किया गया है। बता दें पीछे की राजनीति यह है कि शोधार्थी छात्र विगत लगभग 2 वर्षों से भयानक जानलेवा शारीरिक, मानसिक प्रताड़ना से गुजर रहा था,यहां तक जेएनयू सुरक्षा विभाग से लेकर छात्र तक से जान से मारने की धमकी मिली हुई है, जिसकी लिखित शिकायत राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री, गृह मंत्रालय, मानव संसाधन एवं विकास मंत्रालय, राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, विश्वविद्यालय अनुदान आयोग, एंटी रैगिंग सेल, राष्ट्रीय सतर्कता आयोग, दिल्ली पुलिस प्रशासन इत्यादि संस्थानों में लिखित शिकायत किया गया है।
जिस पर कार्यवाही के डर से लगातार शिकायत को वापस लेने प्रताड़ना दिया जाता रहा है,श्री बंजारे पर लगे यौन उत्पीड़न के फर्जी मामले भी प्रताड़ना का एक हिस्सा और किस्सा है क्योंकि डॉक्टर सुनीता रेड्डी के विरुद्ध मुख्य अपराधी के रूप में लिखित शिकायत हुआ है, जिससे खुद को बचाने और बाकी अपराधियों को बचाने के लिए उन्होंने अपनी सुपुत्री सेफाली भारती का दुरुपयोग किया।मामला यहीं नहीं थमा मानवता तब और अधिक शर्मसार हुआ जब कानून के रखवाले कहे जाने वाले दिल्ली पुलिस प्रशासन जो श्री बंजारे को दवाई लेने से रोके, जेएनयू जाने से रोके। वहीं मरीज श्री बंजारे को आम जनता के बीच जाकर अपने गैर कानूनी और असंवैधानिक कार्यों में पर्दा डालने और खुद को पाक साफ कर्तव्यनिष्ठ बताने के झूठे कुप्रयास करते हुए श्री बंजारे के दिल्ली स्थित किराए में जाकर भागा हुआ बताया और बहुत सताया।
अब वर्तमान स्थिति में श्री बंजारे की हालत प्रवासी मजदूरों से भी इतनी ज्यादा खराब है कि वे छत्तीसगढ़ राज्य के, बलौदा बाजार जिले के, पलारी तहसील के, ग्राम बलौदी स्थित हजार किलोमीटर दूर अपने गांव वापस भी नहीं जा सकते क्योंकि आवागमन के सारे साधन लगभग बंद थे और शुरू भी हुए तो देशभर में कोरोना का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है।जेएनयू और दिल्ली पुलिस ने श्री बंजारे को अकेले तड़पकर मरने के लिए छोड़ दिए, वहीं श्री बंजारे के पड़ोसियों के द्वारा कोरोनावायरस के मरीज होने के कारण उनके आसपास नहीं रहने, चले जाने की धमकियां मिलते रहे। विगत 2 माह से मकान किराया नहीं दे पाने से मकान मालिक सता रहे हैं। आगे अब देखना यह होगा कि क्या शासन- प्रशासन में बैठे लोग श्री बंजारे के साथ न्याय कर पाते हैं अथवा नहीं? क्या उनके विरुद्ध हुए सभी अपराधों के अपराधियों के विरुद्ध कोई कानून सम्मत कार्यवाही हो पाता है अथवा नहीं ? इस पूरे प्रकरण को जेएनयू प्रशासन और दिल्ली पुलिस दबाने में लगे हैं और उन्हें समझौते के लिए मनाने, उनके नजदीकी लोगों से संपर्क साधने का लगातार दुष्प्रयास करने में लगे हैं।कुल मिला कर बंजारे जाति वाद का दंश झेलने मजबुर हैं।इन्होंने हमारे संवाददाता नीलकांत खटकर को अपना बैंक का डिटेल देते हुए वेब पोर्टल के माध्यम से मदद की गुहार लगाई है।नाम चित्रेश कुमार,केनरा बैंक शाखा बिलासपुर छ ग, आईएफएससी कोड CNRB 0000191,खाता नम्बर 019110101018434