न्यूज़ डेस्क- भारत-चीन सीमा विवाद से देश के निहत्थे 20 जवानों के शहीद हो जाने से देश के लोगो मे चीन के प्रति बहुत बड़ा आक्रोश देखा जा रहा है। देश के लोग अब चीनी समानो का बहिष्कार करने लगे है।
भारत सरकार भी राष्ट्रीय स्तर पर बहिष्कार का फैसला पर विचार करने लगी है। अगर ऐसा हुआ तो चीनी कंपनियों को खासा नुकसान हो सकता है। आज भारत चीनी सामानो का बहुत बड़ा मार्केट बना हुआ है । ऐसे में चीनी सामानों का बहिष्कार चीन को आर्थिक रूप से कमज़ोर कर सकता है।
इस बीच डेडीकेटेड फ्रेट कॉरीडोर ने काम कम होने का हवाला देते हुए चीनी कंपनी से 4 साल पुराना 471 करोड़ रु का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल कर दिया गया है। पटरियों पर दौड़ती इन ट्रेनों में अधिकांश सामान चाइना से मंगाया जाता है। भारत में हर साल सात से आठ हजार रेलवे कोच बनते हैं । जिसका अधिकांश समान चीन से आयात की जाती है।
माना जा रहा है कि अगर सरकार राष्ट्रीय स्तर पर चीनी सामानों का बहिष्कार का कोई फैसला लेती है तो चीन को आर्थिक रूप से बहुत बड़ी चोट पहुँचेगी।