संपत्ति गाईड लाईन दर में कमी से राजस्व में 26 प्रतिशत का इजाफा। जिले में विगत वर्ष संपत्तियों की रजिस्ट्री से 171 करोड़ से ज्यादा की हुई आय l कोविड-19 संक्रमण की विषम परिस्थिति में आम जनता को मिली राहत
बिलासपुर 1 जून 2020। राज्य सरकार द्वारा छोटे भूखंडों की खरीद बिक्री से रोक हटाने और संपत्ति गाईन लाईन के दर में 30 प्रतिषत की कमी के फैसले से जिले में वर्ष 2018-19 के मुकाबले वर्ष 2019-20 में साढ़े 4 हजार से अधिक संपत्तियों का पंजीयन हुआ जिससे शासन को मिलने वाले राजस्व में 26 प्रतिशत का इजाफा हुआ। संपत्ति गाईड लाईन दर में 30 प्रतिषत की कमी का निर्णय मार्च 2021 तक प्रभावशील रहेगा। कोविड-19 की विषम परिस्थिति में आम जनता को सरकार के इस फैसले से बहुत राहत मिली है।
छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 5 डिसमिल से कम रकबे की जमीन की खरीदी बिक्री से रोक हटाने और संपत्ति गाईड लाईन दर में 30 प्रतिशत कमी से बिलासपुर जिले में रियल ईस्टेट सेक्टर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अविभाजित बिलासपुर जिले में वर्ष 2018-19 में 20886 संपत्तियों के पंजीयन से 135 करोड़ 68 लाख रूपये की राजस्व आय राज्य शासन को प्राप्त हुई थी।
शासन के लोकहितकारी फैसले से वर्ष 2019-20 में आम जनता को राहत तो मिली ही, वहीं शासन के राजस्व में भी बढ़ोत्तरी हुई। उल्लेखित वर्ष में 25 हजार 715 संपत्तियों का रजिस्ट्री हुई। जिससे पंजीयन शुल्क के रूप में 171 करोड़ 20 लाख रूपये की राजस्व प्राप्ति हुई। तुलनात्मक दृष्टि से 26 प्रतिषत अर्थात 36 करोड़ रूपये राजस्व के रूप में ज्यादा राशि शासन को मिली।
जनता के हित में निर्णय लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा संपत्ति गाईड लाईन दर में जो 30 प्रतिशत की कमी पूर्व में की गई थी। उसे कोरोना वायरस के संक्रमण की संभावना एवं सुरक्षा की दृष्टिगत रखते हुए मार्च 2021 तक यथावत रखा गया है। अर्थात वर्ष 2019-20 की प्रभावी बाजार मूल्य गाईड दर की प्रभावशीलता 31 मार्च 2021 तक बढ़ा दी गयी है। अब आम जनता को संपत्ति खरीदते समय पुराने दर पर ही पंजीयन शुल्क देना होगा।
सरकार के इस फैसले से कोविड-19 के चलते पैदा हुयी इस विषम परिस्थिति में आम जनता को बहुत राहत मिली है। विशेषकर निम्न एवं मध्यम वर्ग के लोग संपत्ति खरीदने के सपने को पूरा कर रहे हैं। माह मई 2020 में 1224 संपत्तियों की रजिस्ट्री कराई गई। ग्राम सेंदरी के कमलेश प्रजापति आज अपनी खेती की रजिस्ट्री कराने पंजीयन कार्यालय पहुंचा था। उसने भदौरिया खार में 41 डिसमिल खेत खरीदा है। लाॅकडाउन के चलते विगत मार्च माह में उनके खेत की रजिस्ट्री नहीं हो पायी थी। कमलेष को यह चिंता सता रही थी कि अप्रैल माह से नये बढ़े हुये गाईड लाईन दर में उसे रजिस्ट्री करानी होगी। जिसके लिये उसे ज्यादा पैसे खर्च करने पड़ेंगे। लेकिन अब उसकी चिंता दूर हो गयी। अब रजिस्ट्री के बचत राषि से वह खेत में सुधार कार्य करायेगा। ग्राम रिस्दा विकासखंड मस्तूरी की श्रीमती शारदा सिंह, श्वेता सिंह और विभा सिंह ने भी ग्राम महमंद में संयुक्त रूप से पिछले साल संपत्ति खरीदा था और लाॅकडाउन के चलते उसकी रजिस्ट्री नहीं हो पायी थी। वे भी आज रजिस्ट्री कराने पंजीयन कार्यालय पहुंची थी और इस बात से प्रसन्न थी कि रजिस्ट्री के लिये उतना ही शुल्क देंगे जितना कि पिछले वर्ष रजिस्ट्री कराने पर देते। उन्हें किसी प्रकार से आर्थिक बोझ का सामना नहीं करना पड़ेगा।