महाराष्ट्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के मजदूरों को बॉर्डर में ही छोड़ दिया
बिलासपुर – महाराष्ट्र करेजय नाका, जिला सतारा, महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन साइड में हेल्फर का काम करने वाले दो भाई योगेश वैष्णव व महेंद्र बैष्णव का दर्द महाराष्ट्र सरकार ने नही समझी और इन्हें भूखे प्यासे महाराष्ट्र के बॉर्डर में ही छोड़ दिया….
इन्हें तो छत्तीसगढ़ आना था बेचारे किसी भी तरह रास्ते भर ट्रकों में लिफ्ट लेते हुए रायपुर तक पहुचे शुक्र है कि रायपुर पहुचने पर, रायपुर पुलिस ने इन्हें देखा और बिलासपुर तक छोड़ने के लिए बस की व्यवस्था कराई , इधर बिलासपुर पहुंचे पर इन्हें भोजन का पैकेट देकर बस स्टेण्ड में ही छोड़ दिया गया पर इन्हें तो बिलासपुर से अपने घर लोहर्षी को जाना था रात हो रही थी जब घर जाने की कोई व्यवस्था नजर नही आईं तब ये पैदल ही घर जाने के लिए मजबूर हो कर निकल पड़े ।
सवाल ये है कि प्रवासी मजदूरों को बिना कोरेन्टीन किये घर जाने देने की इजाज़त नही है प्रशासन ने इसके लिये जिले व ब्लाकों में कोरेन्टीन सेंटर बनाया हुआ है फिर इस तरह प्रवासियों मजदूरों को कही पर भी छोड़ दिया जाना कोरोना जैसी महामारी को आमंत्रण देना नही है ?