हाय रे गरीबी का सितम! मुफ्त आवास योजना के बावजूद बृद्ध महिला झिल्ली पनि के सहारे बचे खुचे जिंदगी को ढ़ोने को मजबूर ये बात सच्ची पर कड़वी

पामगढ़ 05 नवम्बर 2023। हाय रे गरीबी का सितम! मुफ्त आवास योजना के बावजूद बृद्ध महिला झिल्ली पनि के सहारे बचे खुचे जिंदगी को ढ़ोने को मजबूर ये बात सच्ची पर कड़वी है मुख्य मंत्री आवास योजना एवं प्रधान मन्त्री आवास योजना जैसी सरकार महत्वकांक्षी योजना पर कुंठाघात कर रही है ये कोई कहानी नही है ये सरकार की हर जरूरत मंद बेसहारा निशक्त असहाय लोगों को आवास योजना में सामिल कर आवास दिलाना है लेकिन जरूरत मंद एैसी असहाय बेसहारा महिला को योजना में सामिल न कर पाना या न करना योजना पंगु साबित हो रहा हैं जरूरत मंद लोगों तक योजना नहीं पहुँच पा रहा है जनपद पंचायत पामगढ़ के अंतर्गत ग्राम पंचायत धनगाँव की है ये वृद्ध बेसहारा महिला रामबाई दिनकर की कहना की चुनावी मेंढ़क चुनाव में टरटर चिलाकर बड़े बड़े दावे कर ढाढस बांध वादा करते हैं चुनाव जीतने के बाद कभी भी पांच सालों चुनाव जिताने वाली भोली भाली जनता जनार्दन मतदाता को मुड़ कर नहीं देखती जिस मतदाता ने अपने बहुमुल्य मतदान को ,मतदान कर राजा बनाया है ,राजा बनने के बाद उनका कहना की यहाँ के हम है सिकंदर रखे सभी को जेब के अंदर,जहाँ इन दिनों गली से लेकर गाँव, जनपद ,जिला , राज्य से लेकर देश में इन दिनों प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि तक गरीबों को आवास मुहैया कराने का ढिंढोरा पीट रहे हैं. वहीं, जिले से एक ऐसी तस्‍वीर सामने आई है जो इन सबकी पोल खोलने के लिए काफी है. जिला के जांजगीर जनपद पंचायत पामगढ़ के अंतर्गत गरीब बेसहारा महिला टुट्टे पुट्टॆ मकान को प्‍लास्टिक को ढँक कर जीवन बिताने को मजबूर है. महिला के सिर पर एक अदद छत तक नहीं है. यह तस्‍वीर उस भारत देश की है जहां गरीबों को मुफ्ता पक्‍का मकान मुहैया कराने का अभियान चलाया जा रहा है.एक गरीब महिला कपड़े और प्लास्टिक से बने घरौंदानुमा में रहने को मजबूर है. सरकार गरीबों को रहने के लिए अंबेडकर आवास, आवास प्लस और पीएम आवास जैसी योजनाओं के तहत घर मुहैया करा रही है, लेकिन जमीन पर तस्‍वीर कुछ अलग ही कहानी बयान करती है.

 

जिले के ग्राम पंचायत धनगाँव में एक महिला प्लास्टिक छा कर में रहने को मजबूर हैं. वह पिछले 15 वर्षों में कई कई बार मुखिया और संबंधित अधिकारियों को आवेदन दे चुकी हैं. इसके बावजूद उन्हें आवास अभी तक मुहैया नहीं कराया गया।

 

प्रदेश में ठंड का प्रकोप धीरे-धीरे बढ़ने लगा है, ऐसे में स्व.मनबोद दिनकर की पत्‍नी राम बाई दिनकर खुद ठंड से राहत कैसे दिलाएँ बेसहारा बुजुर्ग का आशियाना है बदहाल कच्चा मकान प्रधानमंत्री आवास का उद्देश्य देश के गरीब और बेसहारा वृद्ध महिला का आशियाना है बदहाल कच्चा फुट्टा मकान प्रधानमंत्री आवास का उद्देश्य देश के गरीब और बेसहारा लोगों को उनका खुद का मकान देना है। इसके बावजूद आज भी ऐसे गरीब और मजबूर लोग देखने को मिल जाते हैं जो टूटे-फूटे कच्चे मकानों में रहने को विवश हैं। इसी क्रम में जो पात्र होने के बावजूद प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ नहीं ले पा रहे हैं। फिलहाल ये बुजुर्ग टूटे फूटे मिट्टी के कच्चे मकान में रहने को मजबूर हैं। हालात यह है कि कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। घर का एक भाग बारिश से गिर चुका है।ये जरूरत के सामानों के साथ जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अब काम-धंधा कर पाने में सक्षम नहीं है। प्रशासनिक अधिकारियों व प्रतिनिधियों से प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए गुहार लगाया है। प्रधानमंत्री आवास योजना का ऐसे पात्र हितग्राहियों को नहीं मिल रहा लाभ हर आदमी की यह ख्वाहिश होती है कि उसका भी एक अपना पक्का मकान हो,सिर छुपाने के लिए पक्की छत हो।और ऐसे ही गरीब,लाचार आदमी के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा हर आदमी के पक्का मकान के संकल्प को प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से साकार करने का कार्य बड़े पैमाने पर किया जा रहा लेकिन यहाँ तो अंधे बांटे रेवड़ी अपने अपने को दे।

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