दोनों सरकारों ने अच्छा छला और बेवकूफ बनाया है छ ग की भोली भाली जनता को – दूज राम बौद्ध बसपा प्रभारी छ ग।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

 

 

 

 

 

 

रायपुर – पामगढ़ के पूर्व विधायक और छ ग प्रदेश के बसपा प्रभारी दूज राम बौद्ध ने चिटफंड के विषय पर बताया कि कांग्रेस ने चुनाव पूर्व अपने घोषणा पत्र में साफ शब्दों में लिखा था कि सरकार बनने पर चिटफंड कंपनियों में निवेश किए गए पीड़ित लोगों को रकम राजकीय कोष से दिया जाएगा।अब 24 जून 2020 को छ ग की कांग्रेस सरकार ने चिटफंड कंपनियों में फंसी रकम को वापस करने का फिर विचार कर रही है जब कि कांग्रेस सरकार अभी तक के अपने कार्यकाल में हर 6 माह में रकम वापसी करने का आदेश अपने डीजीपी साहब को सीएम साहब देते हैं और बाद में अपने आप टल जाता है।आदेश के बाद कुछ नहीं होता इस तरह दोनों सरकारों ने छ ग की जनता को छला है। बौद्ध जी ने आगे कहा कि सरकार चाहती तो कंपनियों कि प्रापर्टी बेचकर लोगों को रकम वापस दिला सकती है।यदि कांग्रेस सरकार चाहती है कि पीड़ितों को रकम वापस मिले तो सबसे पहले पूरे प्रदेश में पीड़ितों के नाम, पता,कितनी रकम,किस कंपनी में निवेश किया हुआ है जिसकी ऑनलाइन सूची बद्ध करें। सूची बद्ध करने के बाद किस किस कंपनी की कहां कहां पर प्रापर्टी है इसकी पहचान करा लेवें इसके बाद नया अधिनियम के तहत सभी प्रपर्टियों की कुर्की और नीलामी करने जिले के कलेक्टर को जिम्मेदारी सौंपी जाए उन्हें सख्त निर्देश दिया जावे की 3 माह में हर हाल में लोगो का पैसा वापस किया जाय ।

 

 

 

 

माननीय बौद्ध जी ने आगे कहा कि मुझे जानकारी मिली है कि छ ग राज्य के कई थाना प्रभारी/पुलिस लोगो को भ्रमित कर रहें हैं।जब वे शिकायत दर्ज कराने संबंधित थाने जा रहे हैं तो उन्हें नियम कायदा बता कर वापस भेजा जा रहा है कि पहले भी इस कंपनी और आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज है और इस मामले को कोर्ट में पेश भी कर दिया गया है। आपकी कंपनी 2010 की है जो फला कोर्ट में लंबित है आप कोर्ट कि सुनवाई का इंतजार करें बोलकर टालमटोल कर दिया जाता है।मै सरकार से पूछना चाहता हूं कि जनता अपनी रकम प्राप्त करने 50 साल क्यों इंतजार करेगी??सभी चिटफंड कंपनिया तो 2005 से 2010 की है सभी के मामले कोर्ट में लंबित है तो फिर सरकार कौन सी कंपनी की प्रापर्टी को बेचकर लोगों की रकम वापस करेगी।यदि सरकार वाकई में लोगों को उनका पैसा वापस करना चाहती है तो सभी कोर्ट में लंबित प्रकरण को वापस मंगा कर या उसे खारिज करा कर नया चिटफंड अधिनियम में शामिल करते हुए और कुर्की,नीलामी कर लोगों को रकम वापस की जाय नहीं तो लोग ऐसे ही छले जाएंगे। लोगों को बहकावे में न रखा जाए उन्हें समय पर न्याय नहीं मिलेगा उनका पैसा समय पर वापस नहीं मिलेगा तो आपके घोषणा करने से कोई मतलब नहीं होगा।देना है तो सबको अपना पैसा दे दीजिए अन्यथा अपना हाथ खड़ा कर दीजिए और साफ साफ बोल दीजिए कि हम रकम वापस नहीं कर सकते और ये हर 6 माह में रकम देने की बात करना जुगलबंदी और बेईमानी होगी। बीजेपी के 15 साल के कार्यकाल पर लोगों को एक रुपया वापस नहीं मिला बीजेपी भी बीच बीच में जनता को बेवकूफ बनाने के लिए कहती रही कि जल्द ही अब पीड़ितों को रकम वापस दी जाएगी लेकिन किसी को रकम नहीं मिली जबकि बीजेपी के कार्यकाल में ही इनके मंत्री विधायक द्वारा चिटफंड कंपनियों का फीता काट कर कार्यालयों का उद्घाटन किया गया था।

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