प्रदेश में अजीत जोगी एक बहुत ही लोकप्रिय व जनाधार वाले नेता थे । आदिवासी, अनुसूचित जाति, व पिछड़ा वर्ग समाज के लोगो मे उनकी बहुत अच्छी पकड़ थी। यू तो अजीत जोगी आदिवासी समाज से आते थे लेकिन अनुसूचित जातियों का एक बड़ा तपका भी उन्हें अपना नेता मानती थी।
कहानी दरअसल कुछ ऐसा है कि ….. छत्तीसगढ़ में लोकसभा का चुनाव की तैयारी चल रही थी अजीत जोगी महासमुंद से लोकसभा के प्रत्याशी के रूप में मैदान में थे तो दूसरी तरफ प्रदेश के कद्दावर नेता विद्याचरण शुक्ल थे । इन दोनों के बीच कांटे की टक्कर चल रही थी । इसी बीच वँहा दो परिवारों के बीच सगाई की रस्मे चल रही थी । लड़का व लड़की के परिवारों के बीच नॉर्मल बातचीत के दौरान किसी ने इन चुनाव की बाते छेड़ दी और पूछ लिया कि इस चुनाव में किसका पलड़ा भारी है। तब लड़के वाले ने विद्याचरण शुक्ल को जीतने व अजीत जोगी को चुनाव हारने की बात कह दिए। इतने में लड़की वालों को इतना गुस्सा आया कि वो सगाई ही तोड़ दिए। और कहा कि जो परिवार अजीत जोगी का विरोधी है उस परिवार में हमे अपनी बेटी नही देना है। हालांकि अंत मे जब चुनाव का परिणाम आया तो अजीत जोगी ये चुनाव जीत चुके थे । लेकिन इस रोचक घटना की चुनाव के बाद भी लोगो मे बीच चर्चा बनी रही।