सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करे सुप्रीम कोर्ट- छ ग बसपा।

 

रायपुर 24 जुलाई 2022 । बहुजन समाज पार्टी के छ ग प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार द्वारा देश के सुप्रीम कोर्ट में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों के खिलाफ हो रहे अत्याचार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था जिस पर कोर्ट ने उल्टा हिमांशु पर जुर्माना लगाने का निर्णय लिया गया जिस पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष हेमंत पोयाम ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने की मांग की है।उल्लेखनीय है कि14 जुलाई 2022 को सुप्रीम कोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार के द्वारा दाखिल की गई याचिका जो कि सन् 2009 में छत्तीसगढ के सुकमा जिले के गोमपाड़ गांव में 16 आदिवासियों की हत्या की निष्पक्ष जांच और दोषियों को सजा देने की मांग को लेकर लगाई गई थी। जिसमें गांव के आदिवासियों द्वारा ग्रामीणों की हत्या का आरोप पुलिस कर्मियों पर लगाया गया था। इस मामले को लेकर याचिकाकर्ता हिमांशु कुमार द्वारा सुप्रीम कोर्ट से मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की थी। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज करते हुए याचिकाकर्ता हिमांशु कुमार पर ही 05 लाख का जुर्माना लगाने का काम किया, जो कि पूरी तरह से एक निराशाजनक फैसला है। सुप्रीम कोर्ट को सामाजिक कार्यकर्ता हिमांशु कुमार पर दिए गए फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए और याचिका को स्वीकार करते हुए निर्दोष आदिवासियों की हत्याकांड की निष्पक्ष जांच कराना चाहिए और दोषियों को सजा दिलाने का कार्य करना चाहिए। बहुजन समाज पार्टी छत्तीसगढ इकाई ने माननीय सुप्रीम कोर्ट से मांग है की हिमांशु कुमार जैसे और अन्य सामाजिक कार्यकर्ता जो आदिवासियों के ऊपर हो रहे सरकारी अत्याचार के खिलाफ संघर्ष कर रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी उनके संघर्ष में कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़ी है। और आगे सड़क से लेकर सदन तक की लड़ाई लड़ने को भी तैयार है।

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