रूचि रियल स्टेट चिटफण्ड कंपनी के निवेशक हुए हताश इनकी बिरगांव में स्थित प्रापर्टी नहीं की जा रही कुर्की।चिटफण्ड अधिनियम 2015 का दिया जा रहा है हवाला।

 

रायपुर 16 फरवरी 2021 । रुचि रियल स्टेट एंड वेल्थ क्रियेटर्स चिटफण्ड कंपनी के निवेशकों को विलंब से पैसा मिलने की आशंका है चूंकि प्रशासनिक स्तर पर इस कंपनी की प्रापर्टी की कुर्की नीलामी की अनुमति के लिए जिला कलेक्टर और एसपी कार्यालय रायपुर से जिला न्यायालय रायपुर में आवेदन पत्र प्रस्तुत नहीं किया जा रहा है।जिसका प्रमुख कारण इस कंपनी का प्रकरण 2011 में चल रहा है बताया जा रहा है प्रशासनिक अधिकारियों के अनुसार छ ग राज्य में 2015 चिटफण्ड अधिनियम के तहत 2015 के बाद जो मामले थानों कोर्ट में चल रहा है उन कंपनियों को ही प्रक्रिया में लेकर कुर्की नीलामी की जाएगी और रुचि रियल स्टेट 2011 की कंपनी है।इस नियम से कंपनी के निवेशकों में नाराजगी बढ़ती जा रही है।निवेशकों का कहना है की हमारा तो पुराना मामला है इसे 2015 का हवाला देकर कुर्की नीलामी की प्रक्रिया में न लाना हमारे साथ अन्याय और छल किया जा रहा है प्रशासन को चाहिए की सभी कंपनियां जिसकी प्रापर्टी है उसकी पहचान कर कुर्की नीलामी की प्रक्रिया में लाना चाहिए।बताते चलें कि उक्त कंपनी की करीब 7 करोड़ की सम्पत्ति बिरगांव में है जिसका राजस्व विभाग ने मूल्यांकन कर जानकारी जिला कलेक्टर और एसपी कार्यालय रायपुर को भेजी गई है।

 

 

आरोपी कंपनी संचालक रवि मौलीधर

 

 

इस विषय पर एसपी कार्यालय के चिटफण्ड सेल में पदस्थ एएसआई ओम प्रधान ने बताया की रुचि रियल स्टेट कंपनी 2011 की है जिसका मामला जिला न्यायालय में चल रहा है वर्तमान में प्रशासनिक स्तर पर 2015 के बाद वाली चिटफण्ड कंपनियों की संपत्तियों की कुर्की नीलामी की प्रक्रिया चल रही है।यदि कंपनी की सम्पत्ति को कुर्की नीलामी की प्रक्रिया में लाना है तो कोई शिकायत कर्ता द्वारा संबंधित थाना से वर्तमान तारीख में रिपोर्ट दर्ज कराना होगा तभी इस प्रक्रिया में लाया जाएगा।उन्होंने यह भी कहा कि जो इस कंपनी के निवेशकों के हित में अच्छा हो सके इसके लिए उच्च अधिकारियों से मार्गदर्शन लेकर प्रक्रिया में लाने जल्द पहल किया जाएगा ताकि लोगों को पैसा वापस मिल सके।
उल्लेखनीय है कि 2010 – 2011 के दौरान रुचि रीयल स्टेट एंड एलाइड वेल्थ क्रिएटर्स नाम की कंपनी जो लाल गंगा कांप्लेक्स में संचालित थी।इस कंपनी के संचालक मौली धर विराम उर्फ रवि स्थायी निवासी तेलंगाना अस्थायी पता संतोषी नगर खमतराई रायपुर,शिव प्रसाद विरम निवासी गुलाबी बंगला पानी टंकी रोड खमतराई रायपुर  व अन्य कोई एक महिला थी। इन संचालकों ने एक अख़बार के माध्यम से पूरे छत्तीसगढ़ संस्करण में विज्ञापन प्रकाशित करवाए जिसमें कहा गया था कि कोई भी व्यक्ति उक्त कंपनी में जितनी राशि जमा करेगा उन्हें प्रति माह 5 से 6 प्रतिशत की दर से प्रति माह उनके खाते में रकम जमा कर दी जाएगी और 10 माह बाद उन्हें पूरा मूलधन भी वापस किया जाएगा।कंपनी में रकम जमा करने वालों को चेक, बॉन्ड पेपर, स्टाम्प में नोटरी करके निवेशकों को दिया गया था कि उन्हें समय पर कमिशन व मूलधन वापस किया जाएगा।

 

 

कंपनी की प्रापर्टी

 

 

 

इस विज्ञापन को पढ़ कर पूरे प्रदेश के कई जिलों के लोग उक्त कंपनी में रकम निवेश किए।कुछ माह तक लोगों को कमिशन के रूप में रकम मिली लेकिन कंपनी के संचालकों ने लोगों के खाते में रकम डालना बंद कर दिए तो रायपुर,बिलासपुर,दुर्ग कोरबा,बलौदाबाजार,रायगढ़ जिले के निवेशकों ने अपने क्षेत्र के थानों में तथा गोल बाज़ार थाना रायपुर में शिकायत कि गई जिस पर दुर्ग थाना के थाना प्रभारी ने रिपोर्ट दर्ज कर कंपनी के मुख्य संचालक मौली धर विराम उर्फ रवि को गिरफ्तार कर रिमांड में लेकर पूछताछ कर व अपराध कायम कर धारा 420 के तहत 6 माह की जेल हो गई बाद में उन्हें दुर्ग कोर्ट से बेल मिल गई फिर जेल से निकलने के बाद कंपनी के मुख्य संचालक आरोपी फरार हो गया।

 

 

कंपनी की प्रापर्टी

 

 

रायपुर एवम् कोरबा के निवेशकों ने भी उक्त कंपनी के मुख्य संचालक मौली धर विराम उर्फ रवि के विरूद्ध गोल बाज़ार थाना में रिपोर्ट दर्ज कराई है जिसके विरूद्ध अपराध दर्ज कायम कर स्थाई वारंट जारी किया गया है और आरोपी के बारे में जानकारी देने वाले को 10 हज़ार रु इनाम देने की भी घोषणा की गई है।निवेशकों की मांग है कि उक्त कंपनी की प्रापर्टी जो कि दुर्गा नगर वार्ड बीरगांव रायपुर में स्थित है जिसकी शासन प्रशासन जल्द कुर्की और नीलामी कर पीड़ितो को रकम वापस की जावे,लेकिन इस ओर शासन प्रशासन द्वारा कोई पहल नहीं करने के कारण विनय बघेल, विमलेंद्र पांडवा,मोनिका पांडावा,कमल किशोर पाटिल,कात्यानी तिवारी निवासी राजकिशोर नगर बिलासपुर निवासी के निवेशकों ने निराशा ब्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार ने अपने घोषणा पत्र में कहा था की सरकार बनते ही लोगो को चिटफंड कंपनियों में निवेश रकम वापस किया जाएगा लेकिन आज पर्यन्त इस ओर सरकार ध्यान नहीं दे रही है।आपको बता दें कि फरवरी 2012 में रायपुर के दिलीप श्रीवास्तव,संजय भागचंदानी मानव सेन,मनोज श्रीवास्तव,विकास सिंघल,राधेश्याम सिंघल, डॉ दीपक कलादियासी,के आर सिंह,विजय जैन,लक्ष्मी नारायण निवेशकों ने गोल बाज़ार थाना रायपुर में कंपनी के संचालक पर कार्यवाही करने की शिकायत की थी।जिस पर गोलबाजार थाना रायपुर ने आरोपी पर धोखाधड़ी और ठगी का केस दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था।

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