बिलासपुर 15 सितंबर2020।शहर में बढ़ते कोरोना के ग्राफ को देखते हुए यू तो तत्काल लॉक डाउन लगाने की आवश्यकता है। लेकिन न जाने जिला प्रशासन किस आंकड़े के इंतज़ार में हाथ पर हाथ धरे बैठे हुए हैं।
रोज जिस तरह से नए नए आंकड़े आ रहे हैं उससे लगता है कि आने वाले कुछ दिनों में हमारे पास न बेड बचेंगे न इन मरीजो की देख रेख करने वाले मेडिकल स्टॉफ । हर दिन कोरोना संक्रमण से मेडिकल स्टाफ संक्रमित हो रहे है। जिससे मेडिकल स्टॉफ की संख्या भी अब कम होने लगी है। जिस तेज गति से कोरोना संक्रमण का आंकड़ा रोज शहर में बढ़ रहा है आने वाले वक्त और भी भयावह हो सकती ।
आज सबसे भयावह व डरावने वाली बात यह है कि अब कोरोना संक्रमण के चपेट में घरों के बुजुर्ग आने लगे है। जिसकी रिकवरी रेट बहुत कम है। हॉस्पिटलों में इतनी वेंटिलेटर नही है कि हम तत्काल इनको मुहैया करा सके। आज शहर के हर वर्ग के लोगो की ये मांग है कि तत्कालीन परिस्थिति को देखते हुए शहर में पुनः एक बार सम्पूर्ण लॉक डाउन लगाया जाये।
“व्यापारियों में आम राय है कि अब लॉक डाउन का समय आ गया है।”
– हरीश केडिया (अध्यक्ष लघु उद्योग संघ,बिलासपुर )
“जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजो की संख्या बढ़ रही हैं,15 दिनों की लॉक डाउन लगाना बहुत जरूरी हो गया है।”
-पिंकी मनीष अग्रवाल (अध्यक्ष-उम्मीद एक किरण)
“तत्कालीन परिस्थितियों में एक ही विकल्प है सम्पूर्ण लॉक डाउन लगे सिर्फ दवाई व पेट्रोल दुकानों को खोलने की इजाज़त मिले।”
-महेश दुबे (प्रदेश सचिव, कांग्रेस कमेटी ,छ ग)
“स्थिति बहुत ही भयावह होता जा रहा है और अब हर वर्ग इससे अछूता नही रहा, लॉक डाउन सभी के सामजस्य से लगाया जाए ताकि इसका पूणतः पालन हो सके।”