आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बना शिवतराई गौठान महिला स्व-सहायता समूह ने पेश की आत्मनिर्भरता की मिसाल
बिलासपुर 16 जुलाई 2020। जिले के कोटा विकासखंड स्थित शिवतराई गांव में अब विकास की बयार बहने लगी है। यहां बनाया गया गौठान आर्थिक गतिविधियों का केन्द्र बन गया है। ग्रामीणों में आत्म्निर्भरता की ऐसी अलख जगी है कि अब तो महिलाएं भी इसमें बढ़-चढ़कर भाग ले रही हैं। आत्मनिर्भरता की ऐसी ही मिसाल पेश की है महामाया स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने यह सब संभव हो पाया है ।
छत्तीसगढ़ शासन की महत्वपूर्ण योजना नरवा, गरवा, घुरवा और बाड़ी योजना से । इन योजनाओं से यहां की महिलाओं को प्रेरणा मिली और अब वे आर्थिक रूप से भी सक्षम हो रही हैं।
कृषि विभाग की मदद से महामाया स्व-सहायता समूह की महिलाएं नाडेप और वर्मी कम्पोस्ट खाद बना रही है। कृषि विभाग द्वारा कम लागत तकनीक को अपनाते हुए प्राकृतिक स्त्रोतों का उपयोग कर नाडेप खाद एवं वर्मीकम्पोस्ट खाद बनाया जा रहा है। स्व-सहायता समूह की आय बढ़ाने के लिए इसे ग्रामीण औद्योगिक केन्द्र के रूप में विकसित किया जा रहा है।
इसी प्रकार बाड़ी विकास को बढ़ावा देने के लिये इन केन्द्रों को व्यावसायिक रूप देते हुए शहरी क्षेत्रों के लोगों को भी खाद की यहां से आपूर्ति की जाएगी । विभाग द्वारा बेहतर मार्केटिंग के लिए खाद की आकर्षक पैकेजिंग भी सिखायी गयी है। समूह की महिलाएं 60 क्विंटल खाद बेचकर 48 हजार रूपए कमाई की है।
गौठान के निर्माण से न केवल गांव के मवेशियों को फायदा हो रहा है अपितु महिलाएं र्भी आिर्थक रूप से सशक्त होकर बेहतर समाज निर्माण में अपना योगदान दे रही हैं।