विदेशों से दिल्ली आने वाले अब सीधे अपने राज्य नहीं जा सकेंगे सभी को होना होगा दिल्ली में 7 दिन क्वारेन्टीन छत्तीसगढ़ के 270 मेडिकल स्टुडेन्ट अभी भी रशिया में फंसे

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

बिलासपुर। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के नये गाईडलाईन अनुसार जो भी अन्तर्राष्ट्रीय यात्री दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरता है तब उसे दिल्ली में ही 7 दिवस का संगरोध करना होगा। इसके बाद ही कोई लक्षण नहीं पाये जाने पर उन्हे अनुमति मिलेगी अपने राज्य जाने की। संगरोध खत्म होने के बाद वे डोमेस्टीक फ्लाईट या अन्य साधनों से अपने राज्यों को लौट सकेंगे। ज्ञात हो कि एक सप्ताह पुर्व तक यह प्रतिबंध अनिवार्य नहीं था और जो भी नागरिक या विद्यार्थी दिल्ली उतरते थे उनको आवश्यक दस्तावेजी कार्यवाही कराकर डोमेस्टीक फ्लाईट पकड़ने की अनुमति मिल जाती थी पर कोविद19 के बढ़ते प्रकोप को देखते हुये केन्द्र सरकार ने ऐसा कदम उठाया है। इस बात की पुष्टि दिल्ली के रेजीडेन्ट कमीश्नर श्री सुनिल सिंह एवं दिल्ली में छत्तीसगढ़ की नोडल अधिकारी श्रीमती प्रेरणा अग्रवाल ने भी की है। इन सब बातों की जानकारी देते हुये मेडिकल की पढ़ाई करने रशिया गए छत्तीसगढ़ विद्यार्थियों के पालकवर्ग प्रमुख श्री श्रीधर गौरहा ने देते हुये बताया कि अभी तक रशिया से 120 मेडिकल छात्र-छात्रायें वापस आ चुके हैं और 270 अभी भी आने शेष हैं। वन्दे भारत मिशन फेस 3 समाप्त हो चुका है और पुरे बच्चे अभी तक नहीं आ सके हैं। वन्दे भारत मिशन फेस 4 में कुल 721 फ्लाईट हैं जिसमें एयर इंडिया, इंडिगो, गोएयर तथा स्पाईसजेट की फ्लाईटें हैं परन्तु रशिया के लिये एक भी उड़ान नहीं है। श्री गौरहा ने इस पर चिन्ता व्यक्त करते हुये राज्य एवं केन्द्र सरकार से गुहार लगाई है कि फेस चार में मास्को से नागपुर के लिये फ्लाईट उपलब्ध करावें ताकि राज्य के बच्चे शीघ्र लौट सकें। इस विषय पर आज बिलासपुर के माननीय सांसद श्री अरुण साव से इन्होने मुलाकात करके स्थितियों से अवगत कराया है। श्री अरुण साव नें फ्लाईट की उपलब्धता के लिये विदेश मंत्रालय वार्ता की है और आश्वस्त किया है हर संभव प्रयास किया जायगा। इसी विषय को लेकर श्री गौरहा ने एक ज्ञापन आवेदन माननीय मुख्यमंत्री के नाम से श्री अटल श्रीवास्तव को भी प्रेषित किया है। फ्लाईट्स की अनुपलब्धता को लेकर छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों के पालक परेशान हैं कि आखिर बच्चे कैसे लौट पायेंगे। इस सिलसिले में रायपुर से भी पालकवर्ग पुर्व मुख्यमंत्री मा. डा. रमन सिंह से मुलाकात करने वाले हैं और समय दिये जाने पर माननीय मुख्यमंत्री श्री भुपेश बघेल जी से भी गुहार लगायेंगे।
अभी तक छत्तीसगढ़ के बच्चों के लिये दिल्ली एवं नागपुर मार्ग से आना सुविधाजनक था परन्तु दिल्ली मार्ग से डोमेस्टीक की अनुमति बंद हो जाने के कारण कठिनाईयां बढ़ गई हैं। अवगत हो कि रशिया के शहर ओरेनबर्ग, त्वेर, पर्म, ब्लादीवोत्सोक, मारी ईआई, अरखांगलीस, नालचीक, याश्कर ओला, क्रीमिया, बरनौल, कजान,उल्यानवोस्क, सिंफरोपोल एवं सेंट पीटर्सबर्ग को मिलाकर अभी भी सैकड़ो बच्चे लौटने के लिये फ्लाईट्स का इंतजार कर रहे हैं। विलम्ब होने से कई बच्चे तनाव एवं एन्जाईटी के शिकार होते जा रहे हैं। रशिया के सभी मेडिकल युनिवर्सिटी में जुलाई अगस्त अवकाश रहता है ऐसे में बच्चों में घर लौटने की बैचेनी भी बढ़ रही है।
इसी बीच एक कन्सलटेंसी रुस एजुकेशन नई दिल्ली ने बच्चों को लाने के लिये अपनी स्वयं की व्यवस्था से 6 चार्टर्ड फ्लाईट की अनुमति हेतु भारतीय दुतावास मास्को को आवेदन किया है जो कि अभी विदेश मंत्रालय से अनुमति के लिये अटक गया है।
पालकवर्ग प्रमुख श्री गौरहा ने शासन से अपील की है कि ऐसे कार्य को जल्द पुरा करना चाहिये जिससे बच्चों की वापसी का मार्ग बनता हो अथवा राज्य शासन स्वयं ही अपने राज्य के बच्चों के लिये चार्टर्ड प्लेन की व्यवस्था बनवा देवे। वैसे भी सारे खर्च पालकों को ही वहन करने हैं ।

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