सर ए. पी.जे.अब्दुल कलाम को अश्रुपूरित श्रद्धांजलि,आज उनकी 5वीं पुण्यतिथि है, कृतज्ञ राष्ट्र का नमन।।।

Global36 गढ़ के संवाददाता नीलकांत खटकर।।

न्यूज डेस्क – आइये आज एक ऐसे शख्सियत को याद करें जिनके सामने बड़ी से बड़ी उपलब्धियां भी शून्य लगती है।। देशभक्ति के तमाम दावे बौने नजर आते है,ऐसे महामानव थे हमारे तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ ए पी जे अब्दुल कलाम।महामानव डॉ अब्दुल कलाम से जुड़ी उपलब्धियों पर एक नजर-पायलट बनकर आकाश को छूने का सपना देखने वाले अबुल पाकिर जैनुलआबदीन अब्दुल कलाम, रामेश्वरम के रहने वाले थे। ये भारत के सबसे लोकप्रिय राष्ट्रपतियों में से एक थे। अब्दुल कलाम हमेशा अपनी किताबों, विज्ञान में योगदान देने और एक विद्वान के रूप में जाने जाते थे।अब्दुल कलाम का जन्म 15 अक्टूबर 1931 को तमिलनाडु के रामेश्वरम में हुआ था। अपने स्कूली दिनों में, ये समाचार पत्र बेचकर अपने परिवार का सहयोग किया करते थे। रामेश्वरम से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, अब्दुल कलाम ने 1960 में मद्रास इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान में एक वैज्ञानिक के रूप में शामिल हो गए। हालांकि ये एक लड़ाकू पायलट बनना चाहते थे, लेकिन इस पद को पाने से चूक गए। परन्तु इसके बाद ये रक्षा अनुसंधान एवं विकास सेवा (डीआरडीएस) के सदस्य बने और एक छोटी होवरक्राफ्ट को डिजाइन करने के साथ अपने करियर की शुरूआत की।1969 में अब्दुल कलाम को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) में स्थानांतरित कर दिया गया जहाँ इन्होंने स्वयं को “भारत के मिसाइल मैन” के रूप में स्थापित किया। 1980 में ये भारत के पहले उपग्रह प्रक्षेपण यान (एसएलवी -III) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर बने थे।अब्दुल कलाम 1982 में भारत के प्रधानमंत्री और डीआरडीओ के सचिव के मुख्य वैज्ञानिक सलाहकार बने थे। इन्होंने राजगोपाल चिदंबरम के साथ पोखरण-2 परमाणु परीक्षण में मुख्य परियोजना समन्वयक के रूप में भी कार्य किया था।
मीडिया के हस्तक्षेप से भारतीय लोगों को भी अब्दुल कलाम की उपलब्धियों के बारे जानकारी मिली और जिससे ये भारत के सबसे सफल और लोकप्रिय वैज्ञानिक बन गए।अब्दुल कलाम ने मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट सोमा राजू के साथ मिलकर, एक सस्ते कोरोनैरी स्टेंट का आविष्कार किया था जिसका नाम कलाम-राजू स्टेंट दिया गया। इसके बाद इन दोनों लोगों ने ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य देखभाल के लिए “कलाम-राजू टैबलेट” नामक एक टैबलेट पीसी भी डिजाइन किया था।अग्नि (बैलेस्टिक मिसाइल) और पृथ्वी (एयर डिफेंस मिसाइल) के विकास में अब्दुल कलाम की महत्वपूर्ण भूमिका होने के कारण ही इनको भारत के मिसाइल मैन के रूप में जाना जाता था।
2002 में, सभी पार्टियों ने सर्वसम्मति से या एक मत होकर अब्दुल कलाम को भारत के 11 वें राष्ट्रपति के रूप में चुना। एपीजे अब्दुल कलाम को भारत रत्न (1997), पद्म विभूषण (1990) और पद्म भूषण (19 81) सहित सबसे प्रतिष्ठित पुरस्कार मिले थे। अब्दुल कलाम को एक अंतरिक्ष से संबधित परियोजना में इनके प्रबंधन और नेतृत्व के लिए, नेशनल स्पेस सोसाइटी की ओर से वॉन ब्राउन अवॉर्ड (2013) से भी सम्मानित किया गया था। वहीं 2014 में डॉक्टर ऑफ साइंस एडिनबर्ग विश्वविद्यालय ब्रिटेन का सम्मान उन्हें प्राप्त हुआ था।एपीजे कलाम की याद में 26 मई को स्विट्जरलैंड में विज्ञान दिवस के रूप में मनाया जाता है क्योंकि 2005 में इसी दिन (26 मई) को वे देश का दौरा करने के लिए गए थे।अब्दुल कलाम को एडिनबर्ग विश्वविद्यालय और ऑकलैंड विश्वविद्यालय समेत लगभग 40 विश्वविद्यालयों से डॉक्टरेट की उपाधि मिली थी।सर एपीजे अब्दुल कलाम जी के द्वारा कई पुस्तकें/ किताबें लिखी गई हैं। उनमें से कुछ प्रमुख किताबो का नाम निम्नलिखित है।इंडिया 2020 : ए विजन फॉर द न्यू मिलेनियम,विंग्स ऑफ फायरः एक आत्मकथा,इग्नाइटेड माइंडस: अनलीशिंग द पॉवर विदिन इंडिया’,द ल्यूमिनस स्पार्क्स,इन्स्पायरिंग थॉट्स,यू आर बॉर्न टू ब्लॉसम: टेक माई जर्नी बियोंड (सह-लेखक अरुण तिवारी)आज देश के 11 वें भूतपूर्व राष्ट्रपति (2002 से 2007)की 5 वीं पुण्य तिथि है। उनका निधन आज ही के दिन 27/07/2015 को शिलांग में हुआ था।। मिसाइलमैन स्व.सर अबुल पकिर जैनुलाब्दीन अब्दुल कलाम जी को सादर नमन।।

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