
Global36garh news: ब्रेकिंग न्यूज़:दुष्कर्म एवं दुष्कर्म सह हत्या के दोषियों को गिरफ्तारी के 30 दिवस के भीतर मृत्युदंड देने का सख्त कानून लागू करने ज्ञापन दिया,मुरली मनोहर शर्मा
Global36garh news@ अमेश जांगड़े। छत्तीसगढ़ में घट रहे दुष्कर्म और हत्या की वारदात को देखते हुए,दुष्कर्म और हत्या में सामिल दोषियों के ऊपर सख्त कानून लागू करने के लिए जिला कलेक्टर को प्रधान मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा वर्तमान में मुरली मनोहर शर्मा उम्र 39 वर्ष पामगढ़ जिला- जांजगीर चांपा छ.ग. विगत 20 वर्षो से शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देते हुए अपनी धर्मपत्नी के साथ संस्कार कोचिंग क्लासेज के संचालक एवं शिक्षक दोनो की भूमिका निभाते हुए देश के भविष्य बच्चों को शिक्षा और संस्कार देने का पुनीत कार्य कर रहे है,और वह स्वयं के द्वारा लिए संकल्प के अनुसार अन्याय, अत्याचार और भ्रष्टाचार के विरूद्ध आमरण अनशनकर्ता तथा लोककल्याण हेतु सहपरिवार देहदानकर्ता भी है।
मुरली मनोहर शर्मा ने बताया कि
माननीय प्रधानमंत्री महोदय भारत सरकार नई दिल्ली को श्रीमान जिलाध्यक्ष जिला जांजगीर चांपा छ.ग.को ज्ञापन सौंपा है,जिसमे जांजगीर चांपा में हुए दुष्कर्म एवं दुष्कर्म सह हत्या के दोषियों को गिरफ्तारी के 30 दिवस के भीतर मृत्युदंड देने का सख्त कानून लागू करने ज्ञापन दिया है। जिसमे छत्तीसगढ़ में घट रहे दुष्कर्म और हत्या के की घटनाओं में दोषियों के ऊपर सख्त कानून व्यवस्था लागू करने की आवेदन दिया है।
मुरली मनोहर शर्मा कहना है की
विगत कुछ वर्षो से हमारे जांजगीर जिले और छत्तीसगढ़ राज्य सहित पूरे देश में दुष्कर्म और सह-हत्या की वीभत्स घटनाओं में अनवरत वृद्धि होते जा रही है। यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि संसार में जिस देश को भारतमाता कहकर शीश झुकाकर सम्मान दिया जाता है और जहाँ की बेटियों को देवी का रूप मानकर उनकी पूजा की जाती है ऐसे देश में उन्हीं देवी रूपी बेटियों अर्थात महिलाओं और नाबालिक बच्चियों के साथ असामाजिक तत्वों द्वारा क्रुरता एवं बर्बरतापूर्वक दुष्कर्म किया जा रहा है। जिसके ज्वंलत उदाहरण के रूप में 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली की सड़कों पर चलती बस में हुए दुष्कर्म निर्भया कांड को लिया जा सकता है जिसने समूचे देश के जनमानस के हृदय को झकझोर कर रख दिया था। निर्भया को न्याय दिलाने के लिए देश भर में विरोध प्रदर्शन और कैंडल मार्च के माध्यम से दोषियों के लिए मृत्युदंड की मांग की जाने लगी। तत्पश्चात संवैधानिक नियमों द्वारा विलम्ब होने से घटना के लगभग 7 वर्ष बाद 20 मार्च 2020 को दोषियों को फांसी पर लटकाया गया था, जबकि सामाचार पत्रों के अनुसार निर्भया के साथ सबसे ज्यादा अमानवीय कृत्य करने वाले एक अपराधी को नाबालिग होने के कारण 3 वर्ष बाद ही रिहा कर दिया गया था। इस दुःखद घटना से सबक लेते हुए कानून में बदलाव भी किये गए किन्तु आज भी प्रतिदिन कोई न कोई निर्भया न्याय की गुहार लगाती देखी जा सकती है। चूंकि मैं एक माँ का बेटा और चार बहनों का इकलौता भाई होने के साथ ही दो बेटियों का पिता भी हूँ इसलिए मै उन बेटियों की पीड़ा का अनुभव कर सकता हूँ जो पीड़ा उन्हे दुष्कर्म जैसे जघन्य कृत्य के समय और उसके पश्चात न्याय मिलने तक सहनी पड़ती है। यदि देश की बेटियों को देश और मानव वंश के साथ समूचे सृष्टि का संचालक कहा जाए तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी फिर भी आज हमारी बहन-बेटियाँ सर्वत्र स्वयं को असुरक्षित अनुभव करती है क्योंकि दुष्कर्म के दोषियों को अब देश के कानून का भय नहीं रह गया है। पुनर्विचार तथा दया याचिका जैसी कई अन्य याचिकाओं के कारण दोषियों को अभयदान भी प्राप्त हो जा रहा है। अब अपराधियों का क्रूरतापूर्ण साहस अपनी चरम सीमा पर है क्योंकि ये अब देश की नाबालिग बेटियों के साथ भी दुष्कर्म कर मानव जाति को कलंकित कर रहे हैं। जब नारी ही सुरक्षित और जीवित नहीं रहेगी तो नारी सशक्तिकरण का स्वप्न मात्र दिवा स्वप्न बनकर रह जायेगा। इसलिए मानव समाज को कलंकित करने वाले इन अपराधियों पर अंकुश लगाने सख्त कानून लागू किया जाना अति आवश्यक हो गया है जिससे इनके मन में कानून का भय सदैव बना रहे। तभी देश की बेटियाँ सशक्त एवं निर्भय होकर देश के विकास में अपना योगदान दे सकेंगी। मैं इस रक्षाबंधन पर देश भर की अपनी बहनों को यह वचन देता हूँ कि अब वे सदैव निर्भय ही रहेंगी, कभी कोई निर्भया नहीं बनेंगी। मै एक भाई होने के नाते देश की सभी बहनों के आत्मसम्मान की रक्षा के लिए अपना नैतिक कर्तव्य अवश्य निभाउगा। इसलिए मैं देश की सभी बहनों की सुरक्षा हेतु दुष्कर्म एवं दुष्कर्म सह हत्या के अपराधियों के लिए गिरफ्तारी के 30 दिवस के भीतर ही मृत्युदंड दिए जाने के सख्त कानून को लागू करने की मांग करता हूँ। जिससे पीड़िता को शीघ्र न्याय मिल सके, क्योकि देर से मिला हुआ न्याय, न्याय न मिलने के बराबर ही होता है ।
अतएव मैं उन सभी बहनों की ओर से आपसे हाथ जोड़कर निवेदन करता हूँ कि दिनांक 25/09/2022 तक दुष्कर्म तथा दुष्कर्म सह-हत्या के दोषियों के लिए गिरफ्तार होने के 30 दिवस के भीतर मृत्युदंड दिए जाने के कानून को लागू कराने की महती कृपा करें। जिससे फिर कोई बेटी इस दर्दनाक और शर्मनाक घटना का शिकार न बनें। यदि उक्त दिनांक तक यह कानून लागू नहीं किया जाता है तो उस परिस्थिति में मैं सपरिवार इच्छा-मृत्यु हेतु आपको ज्ञापन प्रेषित करने विवश हो जाऊंगा क्योंकि मै और मेरा परिवार उस देश में जीवित रहना नही चाहेंगे जहाँ हमारी बहन-बेटियों के साथ न्याय नहीं किया जाता हो। यदि मेरे किसी कथन से आपकी भावनाओं को ठेस पहुंची हो तो उसके लिए मैं आपसे एक पुत्र की भाँति क्षमाप्रार्थी हूँ ।