
सभी मजदूरों को चौक चौराहों पर उतारा जा रहा है इस कड़ी धूप में पैदल चलने मजबुर है मजदूर।।
बलौदा बाजार – कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए शासन के द्वारा पूरे प्रदेश में लॉकडाउन किया गया है ,लेकिन प्रदेश के बाहर काम करने गए श्रमिको को किसी तरह उनके घर वापस लाया जा रहा है l
हालांकि घर न ले जाकर के उसे नजदीकी कवारेंटाइन में रखा जा रहा है , उसके बाद उन श्रमिकों को अपने अपने घर के लिए रवाना किया जा रहा है ।
लेकिन दूसरे जगहों से श्रमिको को लाने वाली बस उन श्रमिको को सीधा कवारेंटाइन में न उतारकर गांव के चौक चौराहे बस स्टैंड में उताकर वापस चले जा रहे है ,जिससे उन श्रमिको को इस कड़ी धूप में पैदल चलना पड़ रहा है ।
आपको बतादे की नगर पंचायत भटगांव में जो कवारेंटाइन बनाया गया है ,वो बस स्टैंड से 3 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है और वहाँ बड़ी गाड़िया भी प्रवेश कर सकती है इसके बावजूद उन श्रमिको को बस स्टैंड में छोड़ दिया जाता है ।
बात ये नही है कि श्रमिक पैदल चल नही सकते परन्तु समस्या ये है कि अभी लॉक डाउन में बहुत से दुकानों को खोलने की परमिशन दे दिया गया है जिससे दुकान खुलने लगे है ,और बाहर से आये उन मजदूर ,श्रमिको को बस स्टैंड में छोड़ देने से वो श्रमिक बस स्टैंड के दुकानों में फल फुल व खाने योग्य समान खरीदते है ,और अगर इनमे से किसी एक मजदूर या श्रमिक को कोरोना वायरस के संक्रमण से ग्रषित रहा तो उस श्रमिक के द्वारा दुकानदार सहित आसपास खड़े ग्राहकों को भी खतरा हो सकता है । अगर साफ सब्दो में कहे तो इन बस वालो के द्वारा श्रमिकों को कवारें टाइन में उतारने की जगह बस स्टैंड में उतारना मतलब कोरोना वायरस परोसने का काम किया जा रहा है ।
गौरतलब हो कि अभी लगातार नगर पंचायत भटगांव के आसपास के गांव के कवारेंटाइन से कोरोना पॉजिटिव मिलते ही जा रहे है ,और इस तरह से श्रमिको को कवारेंटाइन में छोड़ने के बजाय बस स्टैंड या चौक चौराहे पर छोड़ना कोरोना वायरस को परोशने जैसा काम किया जा रहा है ,और इस लापरवाही के चलते एक बड़ी परेशानी का सामना करना भी पड़ सकता है ।
सुनिए क्या कहते है अधिकारी ??
हमारे पास केपेसिटी कम है तो इन मजदूरों को इसी तरह से पहूचाना पड़ेगा और एक बस में अलग अलग गांव के लोग बैठे रहते है , और गाड़ी भी अंदर नही जाती इस कारण से ऐसा हो रहा है।।
(बिलाईगढ़ तहसीलदार अमित श्रीवास्तव)
कह कर गोलमोल जवाब देकर अपना पल्ला झाड़ दिए।
वहीं इस संबंध में जानकारी लेने के लिए बिलाईगढ़ एसडीएम के एल सोरी से दूरभाष के जरिये संपर्क किया गया लेकिन उनके द्वारा कॉल रिसीव नही किया गया ।
अब यहाँ पर जो आज की घटना देखी गई है जिसमे एक बस पर जोरा, घाना ,गिरवानी, सलोनी गांव के लोग थे और ये सभी गांव भटगांव में बनाये गए कवारें टाइन के पास से ही जाते हैं ,सब आसपास के ही है तो इन श्रमिको को भटगांव के बस स्टैंड में छोड़ने का क्या अर्थ है ? और इस पर अधिकारियों द्वारा जानकारी लेने पर गोलमोल जवाब देना समझ से परे है । अब देखना लाजमी होगा के खबर लगाए जाने के बाद शासन प्रशासन कितने गम्भीरता से मामला को देख कर कार्यवाही करता है ।