क्या अब देश की अर्थव्यवस्था शराब सुधारेगी
बिलासपुर : जिस प्रकार सरकार के आदेश के बाद शराब दुकानों में भीड़ देखी जा रही है वो ये बताने के लिए काफी है कि आने वाले समय मे हालात बड़ी मुश्किलों से भरा हो सकता है ।
जरा सोचिए कि एक सरकारी महकमे के ऊंचे ओहदे में बैठे पुलिस अफसर को भी सरकार को ट्यूट करके कहना पड़ रहा कि शराब को बंद नही किये तो हमारी 40 दिनों की मेहनत बेकार हो जाएगी ये बात आज की स्थिति को बयां करने के लिए काफी है।
लखनऊ के एसीपी अनिल कुमार ने शराब दुकानों के आगे लग रही भीड़ को देखते हुए सरकार को ये ट्यूट किया जिसे बाद में सरकार के द्वारा डिलीट करा दिया गया।
एक तरफ सरकार करोना महामारी को रोकने के लिए बड़े बड़े दम भर रहे और दूसरी ओर शराब को अपनी आर्थिक आमदनी का बड़ा स्रोत मानकर इससे बन रही सोशल डिस्टेंडिंग की समस्या को नजर अंदाज कर शराब दुकान खुले रख रही है।सरकार को तो बस अपनी 3500 करोड़ की सालाना होने वाली राजस्व की चिंता है सरकार ने शराब दुकान खुलने के पहले दिन 25 करोड़ की बिक्री से ही खुश है । जबकि सरकार को ये समझना होगा कि कंही इन शराब दुकानों में लगी लंबी लंबी कतारों से होकर करोना अगर लोगो के घर तक पहुच गई तो हमारा 3500 करोड़ों का राजस्व भी कोई काम का नही रह जाएगा।
आज कोरोना के इस संकट की घड़ी में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा लिए गए फैसलों व मैनेजमेंट की हर जगह तारीफ हो रही है ऐसे वक्त में सरकार द्वारा एक छोटी सी भूल कही प्रदेश को पीछे न कर दे।