Breaking news:जनजाति लोक कला एवं बोली विकास अकादमी भोपाल की ओर से लोक के अलंकरण विषय पर खजुराहो के होटल झंकार में त्रि दिवसीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया

जनजाति लोक कला एवं बोली विकास अकादमी भोपाल की ओर से लोक के अलंकरण विषय पर खजुराहो के होटल झंकार में त्रि दिवसीय संगोष्ठी का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया

द्वितीय दिवस के प्रथम सत्र की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पद्मश्री डॉ अवध किशोर जरिया ने की

कार्यक्रम के आरंभ में अकादमी के निदेशक डॉक्टर धर्मेंद्र पारे ने संगोष्ठी के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला, और देश भर से आए सभी विद्वानों का स्वागत किया डॉक्टर पारे ने कहा कि लोक अलंकरण कोरी अथवा कालाबाजारी मात्र नहीं है, वह लोग मंगल की सघन भावना भी है बता दें कि यह न केवल बिलासपुर बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश के लिए बड़े ही हर्ष का विषय है कि संगोष्ठी में बिलासपुर की डॉ अलका यादव ने गोधन अलंकरण सुहाई बंधन पर अपने विचार रखे उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि इस पुण्यमयी पावन वसुंधरा पर भक्ति के साथ-साथ अलंकरण की भी सरिता प्रवाहित रही है श्री कृष्ण ने द्वापर युग में अपने साथ-साथ गोधन के अलंकरण का भी ध्यान रखा श्री कृष्ण गायों की देखभाल और उनका सुहाई बंधन खुद किया करते थे छत्तीसगढ़ वह राज्य है जहां हम कण कण में भगवान की ना केवल कल्पना करते हैं बल्कि उन्हें भगवान रूप में पूजते हैं उन्होंने बताया कि गोधन का सोहाई बंधन की परंपरा छत्तीसगढ़ में पुरातन काल से चली आ रही है गोधन की सम्मान का प्रतीक सुहाई बंधन छत्तीसगढ़ में यादव जाति का लोक त्यौहार है इस प्रकार की संगोष्ठी का आयोजन कराना और उसमें छत्तीसगढ़ संस्कृति का गुंजायमान अत्यंत सुखद महसूस कराता है वर्तमान में डॉ अलका यादव पी एन एस महाविद्यालय में हिंदी विषय की सहायक प्राध्यापक हैं साथ ही गोरक्ष फाउंडेशन की जिला अध्यक्ष है पूरा छत्तीसगढ़ अंचल डॉ अलका यादव के शुभकामनाएं एवम उज्जवल भविष्य की कामना करता है।

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