बिलासपुर 30 जून 2021।जब भी कोई किसी समाज का व्यक्ति आईएएस/आईपीएस बनता है ? या किसी शैक्षणिक उच्च मुकाम को हासिल करता है ? तो उसका समाज न केवल गोरवान्वित महसूस करता है, बल्कि समाज के लोग उक्त व्यक्ति को सार्वजनिक रूप से बुलाकर सम्मानित भी करते है ? लेकिन वही उच्च अधिकारी जब अपने ही समाज को लोगो को प्रताड़ित करने लगे तो उन्हें आप क्या कंहेंगे।
बिलासपुर में पशु विभाग में पदस्थ अर्चना अग्रवाल अपने ही समाज की एक जरूरतमंद संघर्षरत महिला रूपा अग्रवाल जिसने कर्ज लेकर, डेयरी का व्यवसाय शुरू कर, आत्म-निर्भर होने का प्रयास की थी और शासन की नीति, नियंम अनुसार मिलने वाली सब्सिडी के सहारे व्यवसाय में सफल होने के लिए विपरीत परिस्थितियों में भी महिला होकर डेरी का व्यवसाय चालू किया था लेकिन अर्चना अग्रवाल जैसी भृष्टाचारी अधिकारी को यह रास नही आया और अपनी अवैध मांगों को न मानने पर उनकी सब्सिडी रोक दी है। जिसकी लिखित शिकायत प्रार्थी रूपा अग्रवाल ने विभाग के उच्च अधिकारी से की है।
सयुक्त संचालक पशु विभाग,बिलासपुर(छ.ग) को लिखित शिकायत देते हुए पीड़िता रूपा अग्रवाल ने लिखा है कि ग्राम बुंदेला, विकास खंड व तहसील बिल्हा में वे पिछले 4 वर्षों से डेरी का व्यवसाय कर रही है लेकिन कुछ दिनों से बोर का पानी लेवल नीचे चले जाने ,बिजली सप्लाई बार बार बाधित होने तथा कोरोनो काल मे आवागमन में दिक्कत होने की वजह से पशु चिकित्सालय, बारतोरी को लिखित सूचना देकर अप्रेल 2020 में वह अपना डेरी गोकुल धाम, बिलासपुर में शिफ्ट कर दी थी।
लेकिन आपके कार्यालय में पदस्थ अर्चना अग्रवाल ने उक्त शिफ्टिंग को गैर कानूनी बताकर मिलने वाली सब्सिडी की राशि रोक दी है.