बिलासपुर 22 जनवरी 2021। छत्तीसगढ़ आयु र्विज्ञान संस्थान (सिम्स), बिलासपुर के माइक्रो बायोलॉजी विभाग में कोरोना विषाणु (COVID -19) के बढ़ते प्रभाव को देखते हुए बचाव व रोक थाम हेतु कोरोना संदिग्ध मरीजों के लिए गए सैम्पलों क़ी जांच हेतु RT-PCR Lab का निर्माण किया गया। लैब में जांच कार्य 1 अगस्त 2020 से आरंभ किया गया था ।
उपरोक्त लैब में 20 अक्टूबर 2020 तक कुल 25 हजार ,5 दिसंबर 2020 तक 50 हजार एवं आज दिनाँक 21 जनवरी 2021 तक 01 लाख सैम्पलों की जांच पूरी कर ली गई है। जिसमे 11226 पोसेटिव मरीज पाये गये है । वर्तमान में वायरोलॉजी लैब में प्रतिदिन 1000 से 1200 तक टेस्ट किये जा रहे है। जिसमे पोसेटिव मरीजो की संख्या में पूर्व से कमी आई है जो कि एक अच्छा संकेत है। साथ ही वायरोलॉजी लैब के अंतर्गत संचालित होने वाली ट्रू नॉट लैब भी 22 जनवरी 2021 को 10 हजार जांच पूरी कर ली जाएगी।
इस लक्ष्य तक पहुँचने में माइक्रो बायोलॉजी लैब में कार्यरत समस्त अधिकारी व कर्मचारियो का महत्वपूर्ण योगदान रहा, जिसके सहयोग से वायरोलॉजी लैब को 24 घंटे संचालित कर इस लक्ष्य को प्राप्त करने में सफल हुए । इस लैब में कुल 06 डॉक्टर,07 साइंटिस्ट्स,17 मेडिकल लैब टेक्नॉलॉजिस्ट , 09 लैब अटेन्डेन्ट, 10 डाटा ऑपरेटर, 07 स्वीपर, 02 हॉउस कीपर आदि स्टाफ शामिल है।
चूंकि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए बहुत ही कम समय मे वायरोलॉजी लैब का निर्माण किया गया एवं लॉक डाउन के कारण सामग्री न मिलने के कारण कार्य करने में दिक्कतों का भी सामना करना पड़ा। परंतु उपरोक्त संक्रमण के बढ़ते प्रकोप को ध्यान में रखते हुए सभी कर्मचारियों के द्वारा अपनी पूर्ण निष्ठा के साथ कार्य करने के कारण उपरोक्त कार्य का निर्वहन करते हुए उपरोक्त लक्ष्य को प्राप्त किया गया। एवं इस दौरान वायरोलॉजी लैब में कार्यरत 70 % मेडिकल कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव आने के बाद भी स्वास्थ्य लाभ उपरांत पुनः उपरोक्त कार्य को सेवाभाव से करने में जुटे रहे। जो कि अत्यंत ही प्रशसनीय है।
कार्य प्रारंभ के कुछ दिनों तक अधिकारीयो व कर्मचारीयो के मन मे कोरोना संक्रमित होने का भय व्याप्त था परंतु जैसे जैसे समय बीतता गया एवं कार्यरत कर्मचारियों के पोसिटिव आने एवं पुनः स्वास्थ्य लाभ होने से यह भय खत्म होने लगा एव इसको एक चुनौती की तरह लेकर आज इस लक्ष्य तक पहुच पाये है। वर्तमान में कोरोना के टीकाकरण आने से सभी के मन मे एक नई आशा की किरन जगी है।