ब्रेकिंग न्यूज़:भूपेश सरकार अनुसूचित जाति वर्ग के साथ भेदभाव कर रहीं है?- संजीव बच्चन , अधिवक्ता

पामगढ़ |। पूरा मामला यह है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में आरक्षण का नया कोटा तय हुआ है। बघेल सरकार ने आदिवासी वर्ग-ST को उनकी जनसंख्या के अनुपात में 32% आरक्षण देगी, अनुसूचित जाति-SC को 13% और अन्य पिछड़ा वर्ग-OBC को 27% आरक्षण मिलेगा। वहीं सामान्य वर्ग के गरीबों को 4% आरक्षण दिया जाएगा। इसके लिए कैबिनेट ने दो विधेयकों में बदलाव के प्रारूप को मंजूरी भी दे दी है |

जब कि 2012 तक प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग को 16% आरक्षण मिल रहा था। 2012 में सरकार के बदलाव के बाद अनूसूचित जाति वर्ग के आरक्षण को 12% कर दिया गया था। ऐसे में सरकार जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण 13% करती है तो अनुसूचित जाति वर्ग की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। मगर यह 16% करने की मांगे उठनी शुरु हो गई है |

श्री बच्चन ने कहा कि गुरुवार को केबिनेट मंत्रियों द्वारा अनु.जा. का 12 % आरक्षण मे 1% बढ़ा कर 13 % करना गलत है। अनूसूचित जाति वर्ग को देना ही हैं तो 16 % आरक्षण देना चाहिए समाज के हित में आवाज़ नहीं उठाने वाले सभी अनुसूचित जाति के 10 विधायक और दोनों मंत्री लोगों को इस्तीफा दे देना चाहिए। जो अनुसूचित जाति वर्ग के मिले लाभ से विधायक, मंत्री बने है वह अजा वर्ग के हित में संघर्ष नहीं कर सकते तो ऐसे विधायक व मंत्री का होना , नहीं होने के समान है।

इसके लिए सड़क की लड़ाई लड़ना होगा। हमें 16% से कम आरक्षण नहीं चाहिए। श्री बच्चन ने राज्य सरकार से अनुसूचित जाति वर्ग के 16% आरक्षण को यथावत रखने की मांग किया है। अगर वर्तमान सरकार, अनु.जा. वर्ग का 16% आरक्षण को यथावत नहीं रखती है तो सरकार के विरोध में अनुसूचित जाति वर्ग के लोगो द्वारा आने वाले समय में उग्र आंदोलन करेगी। और साथ ही राज्य सरकार को आगामी 2023 के चुनाव में इसका खामियाजा भी भुगतना पड़ सकता है|

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