रा से यो के स्वयंसेवक एवं स्काउट गाइड के छात्र-छात्राओं द्वारा विश्व हाथ धुलाई दिवस का आयोजन।

कोरबा 16 अक्टूबर 2020 अटल बहारी बाजपेई विश्वविद्यालय बिलासपुर के कार्यक्रम समन्वयक डॉ मनोज सिन्हा के निर्देशानुसार दिनांक 15 अक्टूबर 2020 को विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय तुमान, विकासखंड -करतला ,जिला -कोरबा के राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवक एवं स्काउट -गाइड के छात्र -छात्राओं ने संस्था के प्राचार्य पी .पटेल के संरक्षण एवं कार्यक्रम अधिकारी डी आर.पटेल के कुशल नेतृत्व में विश्व हाथ धुलाई का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त व्याख्याता एस आर.पैकरा, प्रधान पाठक टी.आर कंवर, कार्यक्रम अधिकारी डी.आर. पटेल, सहायक कार्यक्रम अधिकारी एम. एल .साहू, डी एस पटेल उच्च वर्ग शिक्षक, ए. के. निर्मल उच्च वर्ग शिक्षक विशेष रुप से उपस्थित है।

 

 

          कार्यक्रम अधिकारी डी.आर पटेल ने विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर स्वयंसेवकों को हाथ धुलाई का उद्देश्य, महत्व ,तरीके, लाभ एवं हानि के बारे में विस्तार पूर्वक स्वयंसेवकों को जानकारी दी गई। खाना खाने से पहले व खाना खाने के बाद ,शौचालय उपयोग के बाद ,किसी बीमार व्यक्ति की देखभाल के बाद आदि स्थिति में बार- बार साबुन से 20 से 30 सेकंड तक अच्छे से हाथ धुलाई करें और मास्क का उपयोग करें। वर्तमान समय में वैश्विक महामारी कोरॉना के समय हाथ धोना, मास्क का उपयोग और 2 गज की दूरी का पालन ही इस महामारी से जीत का सही उपाय है। हमारे हाथों में अनदेखी गंदगी छिपी होती है जो किसी भी वस्तु को छूने उसका उपयोग करने एवं कई तरह के दैनिक कार्यों के कारण होती है ,यह गंदगी बगैर हाथ धोए खाद्य एवं पेय पदार्थों के सेवन से आपके शरीर में जाती है और बीमारियों को को जन्म देती है। हाथों की धुलाई के प्रति जागरूकता पैदा करने के मकसद से पूरे विश्व में प्रति वर्ष 15 अक्टूबर को विश्व हाथ धुलाई दिवस मनाया जाता है। जिसमें हाथ धोने के प्रति जागरूकता हेतु कई तरह के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। बचपन में स्कूल में सिखाया जाता था की खाना खाने के पहले हाथ धोना चाहिए। इसके अलावा साफ-सफाई से जुड़ी बहुत सी बातें बताई जाती थी। धीरे-धीरे यह बातें हमारी अच्छी आदतों में शामिल हो गई,

 लेकिन दुनिया भर के कई लोग आज भी इनके प्रति जागरूक नहीं है।विश्व हाथ धुलाई दिवस का उद्देश्य इसी जागरूकता को समाज तक पहुंचाना है।

      मुख्य अतिथि श्री एस.आर पैकरा जी ने स्वयं सेवकों को विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर अपना विचार व्यक्त किया और कहा कि-इस दिन खासतौर पर सरकारी स्कूलों एवं कार्यालयों में हाथ धोने से होने वाले लाभ एवं नहीं धोने से होने वाले नुकसान के बताने के लिए विभिन्न आयोजन की जाती है। आंगनबाड़ियों एवं सरकारी स्कूलों के माध्यम से भोजन के पूर्व बच्चों को हाथ धोने के प्रति शिक्षित और जागरूक किया जाता है ताकि वे इसे अपनी आदत बनाएं। दरअसल यह स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता का ही एक हिस्सा है क्योंकि हाथ धुलाई से बीमारियों से बचाया जा सकता है और यह बेहतर स्वास्थ्य की ओर एक अच्छी पहल है। हर व्यक्ति को स्वास्थ्य के प्रति इन छोटी-छोटी बातों के प्रति सजग होना चाहिए ताकि हम एक स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकें।

           कार्यक्रम का संचालन कर रहे श्री ए.के.निर्मल ने विश्व हाथ धुलाई दिवस के अवसर पर अपना विचार व्यक्त किया और कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी ही नहीं वरन हमारी सामाजिक सरोकार भी है कि हम अपने परिवेश को साफ -सुथरा रखें। उन्होंने जोर देकर कहा कि स्वच्छ वातावरण स्वच्छ समाज की आधारशिला है। यह हमें ना केवल स्वास्थ्य व स्वच्छता वातावरण ही नहीं उपलब्ध कराता है। उसके अलावा हमारे मन ,मस्तिष्क को सदा स्वस्थ व दुरुस्त भी रखता है। स्वस्थ भारत अभियान भारतवर्ष में युद्ध स्तर पर संचालित किया जा रहा है। इस अभियान के माध्यम से आम जनमानस को स्वच्छ भारत निर्माण के प्रति जागरूक कर भारत को विश्व स्तर पर एक स्वस्थ राष्ट्र के रूप में खड़ा करने का संकल्प लिया गया।

             इस कार्यक्रम में रमाकांत पटेल ,प्रकाश खांडे, नरेंद्र मैत्री ,राज पटेल ,कुमारी पूजा पटेल ,मेघा पटेल ,दीक्षा यादव, कौशल्या कंवर आदि स्वयंसेवकों का विशेष योगदान रहा।

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